महिलाओं का शील भंग करने के आरोपी को नाले की साफ-सफाई और निगरानी करने की शर्त पर जमानत मिली
Man Accused Of Outraging Modesty Of Women Granted Bail By Bihar Court On Condition Of Cleaning Drains
बिहार की एक अदालत ने पिछले महीने नाले की साफ-सफाई और निगरानी करने की शर्त पर महिलाओं का शील भंग करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दी।
मधुबनी के झंझारपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार ने याचिकाकर्ता के वकील के बयान को ध्यान में रखते हुए यह शर्त रखी कि याचिकाकर्ता अपने घर के सामने स्थित नाले की सफाई, रखरखाव और निगरानी करेगा।
जमानत याचिका याचिकाकर्ता रुस्तम द्वारा दायर की गई थी, जो 24 अप्रैल, 2021 से जेल में है। आरोपी पर आईपीसी की धारा 341, धारा 323, धारा 308 धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 354 (बी) (आक्रमण करने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग), 379 (चोरी), धारा 504 धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहपठित भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के तहत मामले दर्ज हैं
प्राथमिकी में आरोप के अनुसार शिकायतकर्ता मो. अमजद का कहना था कि 11 अगस्त 2020 को अपनी बेटी की शादी के मौके पर आरोपी-याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर कई महिलाओं का शील भंग किया और शिकायत करने वाले पक्ष पर कथित तौर पर हमला कर मारपीट की।
याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि वह अपने अधिकार के पूर्वाग्रह के बिना अपनी वास्तविकता दिखाने के लिए कुछ सामाजिक सेवा करने को तैयार है।
इसलिए, ए.पी.पी. के सुझाव पर, याचिकाकर्ता के वकील ने सहमति व्यक्त की कि याचिकाकर्ता अपने घर के सामने स्थित नाले (नाली) की सफाई, रखरखाव और निगरानी करेगा।
इसके साथ ही अदालत ने उन्हें इस प्रकार आदेश देते हुए जमानत दे दी:
"...उसे निचली अदालत की संतुष्टि के अनुसार 10,000/- रुपये के दो जमानतदारों के साथ 10,000/- रुपये के जमानत बांड प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, इस शर्त के साथ कि याचिकाकर्ता के वकील के बयान के अनुसार , याचिकाकर्ता अपने घर के सामने स्थित नाला (नाली) की सफाई, रखरखाव और निगरानी करेगा।"