हाईकोर्ट ने एमएस धोनी की अवमानना याचिका में आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को क्रिकेटर एमएस धोनी द्वारा दायर अवमानना याचिका में आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई।
जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की खंडपीठ ने हालांकि संपत कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
धोनी ने दलील दी कि आईपीएस अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जो न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को हिलाने में सक्षम है इस प्रकार यह आपराधिक अवमानना है।
संपत कुमार ने कथित तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुद्गल समिति (2013 आईपीएल में मैच फिक्सिंग की स्वतंत्र जांच के लिए गठित) की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सीलबंद कवर में रखने का फैसला किया और विशेष जांच दल को इसे प्रदान नहीं किया।
धोनी ने कहा कि संपत ने आरोप लगाया कि सीलबंद कवर उपलब्ध न कराने के पीछे सुप्रीम कोर्ट का "मकसद" है।
यह भी आरोप लगाया गया कि संपत ने हाईकोर्ट का अपमान किया और उसे बदनाम किया। साथ ही एडवोकेट जनरल ऑफिस और हाईकोर्ट के नामित सीनियर वकीलों के खिलाफ आरोप लगाए।
ये बयान संपत ने अतिरिक्त हलफनामे में दिए, जो धोनी द्वारा मैच फिक्सिंग के आरोपों को लेकर अधिकारी और ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन के खिलाफ दायर सिविल सूट में दायर किया गया था।
हालांकि, ज़ी मीडिया ने मानहानि के मुकदमे में धोनी द्वारा की गई पूछताछ को चुनौती दी थी। उक्त चुनौती और उसके बाद की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि एमएस धोनी विश्व ख्याति प्राप्त क्रिकेटर हैं और समाचार चैनलों को ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ समाचार प्रसारित करते समय सतर्क रहना होगा।
केस टाइटल: महेंद्र सिंह धोनी बनाम जी संपत कुमार
केस नंबर: अवमानना याचिका 2361/2022