मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में COVID-19 मामलों में कमी को देखते हुए 14.02.2022 से फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की विशेष समिति के प्रस्ताव के अनुसार, न्यायालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। उक्त एसओपी 14.02.2022 से जबलपुर में प्रधान सीट और इंदौर और ग्वालियर की पीठों पर भी लागू होंगे।
एसओपी में निर्दिष्ट किया गया,
यह देखा गया कि लगभग हर दिन बड़ी संख्या में वकील डी.बी.-I के समक्ष मेंशन मेमो जमा करने के लिए आते रहते हैं। इससे कोर्ट में COVID-19 की स्थिति खतरनाक हो सकती है। अत: ड्राप बाक्स के माध्यम से फिजिकल रूप में प्रकरणों का उल्लेख फिलहाल अगले आदेश तक जारी रहेगा।
एसओपी के अनुसार, 65 वर्ष या इससे अधिक की आयु वाले अधिवक्ता/पक्षकार अपने मामले को वर्चुअल मोड के माध्यम से सुनवाई के लिए बेंच से मौखिक अनुरोध कर सकते हैं और संबंधित बेंच तदनुसार अनुरोध पर विचार कर सकती है। न्यायालय ने अपने परिसर में प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं/पक्षकारों के लिए यह भी आवश्यक कर दिया है कि वे वैक्सीनेट की कम से कम पहली खुराक ले लें।
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