वकील को खुद को प्रस्तुत करने योग्य रखना चाहिए और अनुचित इमेज दिखाने से बचना चाहिए : SC ने वर्चुअल सुनवाई में अदालत के समक्ष टी शर्ट पहनकर बिस्तर पर लेटते हुए पेश होने वाले अधिवक्ता की माफी स्वीकार की
सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की माफी को स्वीकार कर लिया, जिसने टी-शर्ट पहनकर बिस्तर पर लेटते हुए, कोर्ट के सामने एक मामले में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। शीर्ष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट सुनवाई के दौरान न्यूनतम अदालत शिष्टाचार बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह घटना अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, रेवाड़ी, हरियाणा के समक्ष लंबित क्रूरता के संबंध में एक मामले के बिहार के जहानाबाद में सक्षम न्यायालय में हस्तांतरण मुद्द्द्दे पर सुनवाई के दौरान हुई।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता टी-शर्ट में अदालत के समक्ष पेश हुए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की सुनवाई के दौरान अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे। उन्होंने अपनी इस गलती के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने वकील की माफी स्वीकार करते हुए कि कहा कि समय कठिन था। उन्होंने सुनवाई की सार्वजनिक प्रकृति को देखते हुए न्यूनतम न्यायालय शिष्टाचार पर जोर दिया।
बेंच ने कहा,
"यह अदालत का विचार है कि जब वकील अदालत के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई में पेश होते हैं तो उन्हें खुद को प्रस्तुत करने योग्य रखना चाहिए और इमेज (स्क्रीन पर) दिखाने से बचना चाहिए, जो उचित नहीं है और केवल अपने घरों की निजता बनाए रखने के कारण से सहनीय हो सकता है। हम सभी मुश्किल समय में सुनवाई की कोशिश कर रहे हैं। वर्चुअल अदालतें दिन का क्रम बन गई हैं। फिर भी सभ्य पोशाक, पृष्ठभूमि आदि के रूप में न्यूनतम अदालत के शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए, जिसे सुनवाई की सार्वजनिक प्रकृति दी जानी चाहिए। "
इस नोट पर, बेंच ने त्रुटिपूर्ण अधिवक्ता की माफी स्वीकार कर ली।
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