लखीमपुर खीरी कांड: ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की एक अदालत ने आज केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 13 अन्य लोगों के खिलाफ लखीमपुर खीरी में किसान हत्याओं के मामले में आरोप तय किए।
मिश्रा की आरोपमुक्ति याचिका सोमवार को खारिज करने के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रथम (एडीजे-आई) सुनील कुमार वर्मा ने आज कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये और अब मामले की सुनवाई 16 दिसंबर से शुरू होगी।
यह अपराध 3 अक्टूबर, 2021 को हुआ था, जब कई किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और कथित रूप से आशीष मिश्रा के काफिले की एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद चार प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था और जनवरी 2022 में मामले में चार्जशीट दायर की गई थी। मिश्रा पर हत्या (302 आईपीसी), आपराधिक साजिश (120बी आईपीसी) और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दे दी थी, लेकिन अप्रैल 2022 में तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इसे खारिज कर दिया था।इसके बाद जमानत अर्जी हाईकोर्ट में भेज दी गई। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अपराध में मारे गए किसानों के परिजनों की अपील पर आया था। 26 जुलाई को हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिमांड पर लिए जाने के बाद मामले की दोबारा सुनवाई के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि मिश्रा सहित 13 अभियुक्त आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 149 (सामान्य आशय के अभियोजन में किया गया अपराध), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 427 (नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य), 120बी (आपराधिक साजिश) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप का सामना करेंगे ।
एक अन्य आरोपी, वीरेंद्र शुक्ला पर आईपीसी की धारा 201 (सबूतों को मिटाने का कारण) के तहत आरोप लगाया गया है।