महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय की कमी: पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम से जवाब मांगा
पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय (Public Toilets) की कमी और पहले से बने शौचालय की दुर्दशा से संबंधित मामले में पटना नगर निगम और जिला प्रशासन से जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) और जस्टिस एस कुमार (Justice S Kumar) की खंडपीठ ने शौचालय की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए आदेश दिया,
"पटना नगर निगम और जिला प्रशासन दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करें।"
यह जनहित याचिका एडवोकेट संजीव कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता-एडवोकेट संजीव कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पटना जंक्शन , राजेन्द्र नगर स्टेशन , गोलंबर , मीठापुर- डाक बंगला , गांधी मैदान , कारगिल चौक के जगहों पर सार्वजनिक शौचालय की की कमी है।
याचिका में कहा गया है कि पहले से बने शौचालय की भी देखरेख नहीं की जा रही है। सड़कों से गुजरने वाले लोगों को शौचालय की कमी की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता ने आगे प्रस्तुत किया कि दो साल पहले 20 करोड़ रुपये सरकारी राशि से बने इन सभी जगहों के पब्लिक यूरिनल और शौचालय बेकार हो चुके हैं। महिलाओं को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कहा था कि पटना स्वच्छ एवं सुंदर बने, इसके लिए कई जगहों पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन वर्तमान समय में इन शौचालयों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। इससे यह अपने उद्देश्यों को पूरा करने में विफल साबित हो रहा है। इसके साथ ही पटना नगर निगम इन मुद्दों पर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द-से-जल्द सुधार लाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने नगर निगम के कार्यों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सभी पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट है कि पटना को स्वच्छ और सुंदर बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, इसलिए वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट संजीव कुमार मिश्रा और राज्य की ओर से एएजी योगेंद्र प्रसाद सिंहा पेश हुए थे।
इस मामले की अगली सुनवाई 13 मई,2022 को होगी।
केस का शीर्षक: संजीव कुमार मिश्रा बनाम बिहार राज्य एंड अन्य
कोरम: चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार