कृष्ण जन्मभूमि विवाद: कोर्ट के आदेश पर ईदगाह के सर्वेक्षण के दौरान एएसआई अधिकारियों की उपस्थिति की मांग वाली याचिका मथुरा कोर्ट में दायर
श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद (Sri Krishna Janmabhumi Dispute) में कोर्ट के 22 दिसंबर के आदेश के अनुसार ईदगाह मस्जिद परिसर के निरीक्षण/सर्वेक्षण के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों की उपस्थिति की मांग करते हुए मथुरा की एक अदालत के समक्ष एक नई याचिका दायर की गई है।
यह याचिका अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अधिवक्ता शैलेश दुबे के माध्यम से) विष्णु गुप्ता द्वारा दायर वाद (भगवान बालकृष्ण बनाम इंतेजामिया समिति) में दायर की है, जिसमें शाही ईदगाह परिसर पर कब्जा करने और वहां स्थित वर्तमान ढांचे को गिराने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज III सोनिका वर्मा ने 22 दिसंबर को सिविल कोर्ट अमीन (जिन्हें कोर्ट ऑफिसर भी कहा जाता है) को निर्देश दिया था कि वे विवादित स्थल का दौरा करें और उसका सर्वेक्षण करें और अदालत के समक्ष 20 जनवरी तक एक रिपोर्ट (नक्शे के साथ) जमा करें।
अब, सर्वेक्षण/निरीक्षण के दौरान एएसआई अधिकारियों की उपस्थिति की मांग करते हुए गुप्ता ने वर्तमान याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है,
"अमीन साहब' के माध्यम से जगह की स्थिति जानने के लिए कोर्ट ने आदेश पारित किया है, लेकिन ईदगाह में पत्थरों की स्थापना के संबंध में और सही तथ्यों को लाने और सही निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए यह आवश्यक है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी 'अमीन साहब' के निरीक्षण के दौरान मौजूद रहें और वे सभी तथ्यों को नोट करें और पत्थरों की उम्र के संबंध में अपने सुझाव दें।"
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ईदगाह में प्राचीन मंदिर के पत्थर, पौराणिक शिलालेख और कलाकृतियां स्थापित की गई हैं और ठाकुर जी की सभी कलाकृतियों के पत्थरों को बदलकर ईदगाह में दफनाया गया और ऐसा दिखाया गया है जैसे कि प्राचीन मंदिर के अवशेष रखे गए हों।
याचिका में प्रार्थना की गई है कि याचिका में दिए गए निर्देशों को पारित किया जाए।
गौरतलब हो कि मस्जिद परिसर के 'अमीन सर्वे' के कोर्ट के आदेश पर सोमवार को शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने मथुरा कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
बता दें, गुप्ता ने याचिका में कहा है कि ईदगाह का निर्माण औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर श्री कृष्ण मंदिर को तोड़कर किया था। वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को अवैध बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
इसे देखते हुए, वाद में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा एसोसिएशन और शाही ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को अवैध बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
यह सूट 17वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि की संपत्ति पर बनाए जाने का दावा करते हुए गिराने की मांग करते हुए कोर्ट के समक्ष दायर किए गए कई सूट्स में से एक है।
आपको बता दें, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है।