दिल्ली दंगों के दौरान मुस्लिम व्यक्ति की हत्या का मामला: दिल्ली कोर्ट ने सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए

Update: 2021-08-04 08:48 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या के संबंध में सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए हैं, जिसकी कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीटने के कारण मौत हो गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने अमन कश्यप, अरुण कुमार, आशीष, देवेंद्र कुमार, प्रदीप राय, कृष्णकांत धीमान और राहुल भारद्वाज के खिलाफ आरोप तय किए, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 147, 148, 302 के साथ धारा 149 और धारा 120B के तहत इन सभी के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। आरोपी धीमान और भारद्वाज के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 और धारा 34 के तहत अलग से अतिरिक्त आरोप भी तय किया गया है।

कोर्ट ने कहा कि अभियोजन आईपीसी की धारा 188, 427 और 436 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा 3 और 4 के संबंध में साक्ष्य स्थापित नहीं कर सका।

पिछले साल 1 मार्च को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अस्पताल में भर्ती कराए गए मोनीष को मृत घोषित कर दिया गया था।

अभियोजन पक्ष का यह मामला है कि जांच के दौरान एक चश्मदीद गवाह मनोज कनियाल ने जीटीबी अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से मोनीष की पहचान की थी, जिसने यह भी खुलासा किया कि घटना के समय मोनीष अपने साथ मिठाई ले जा रहा था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार चश्मदीद गवाह ने यह भी कहा कि जैसे ही भीड़ को पता चला कि मोनीष मुस्लिम समुदाय से है, मोनीष को भीड़ ने लाठी/डंडा/तलवार से पीटा और पथराव भी शुरू कर दिया।

आरोपी व्यक्तियों द्वारा आरोपों का खंडन इस आधार पर किया गया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है और प्राथमिकी दर्ज करने में 5 दिनों की अस्पष्टीकृत देरी हुई है।

कोर्ट ने कहा कि,

"उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर मेरा विचार है कि प्रथम दृष्टया सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अपेक्षित धाराओं के तहत आरोप तय करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त साक्ष्य है।"

केस का शीर्षक: राज्य बनाम अरुण कुमार @ मुन्ना आदि।

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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