कर्नाटक हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन पर किए गए ट्वीट को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए ट्वीट को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। अपने इस ट्वीट में कंगना रनौत ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की तुलना आतंकवादियों से की थी।
सुनवाई के दौरान मामले में प्रतिवादी नंबर 2 शिकायतकर्ता एडवोकेट रमेश नाइक एल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होते हुए प्रस्तुत किया कि उन्हें याचिका की प्रति नहीं दी गई है। उन्होंने अदालत से यह मांग की कि वह याचिकाकर्ताओं को यह निर्देश दे कि वह याचिका की प्रति ईमेल के माध्यम से दी जाए।
न्यायमूर्ति एच. पी. संधेश की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को तदनुसार प्रतिवादी नंबर 2 को प्रतियां प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले कि सुनवाई समाप्त हो अधिवक्ता रिज़वान सिद्दीकी ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए कहा कि,
"लॉर्डशिप, मेरे पास योग्यता के आधार पर एक अच्छा मामला है। इस बीच मैं केवल अंतरिम संरक्षण के लिए अनुरोध कर रहा हूं, मुझे 41-ए नोटिस जारी किया गया है।"
इस पर पीठ ने कहा,
"हमने केवल पांच दिन दिए हैं। आप 25 तारीख को आएं।"
तदनुसार मामले को 25 मार्च को अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया गया।
तुमकुर में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) ने 9 अक्टूबर, 2020 को न्यायिक पुलिस स्टेशन (कथासंधर) को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शिकायतकर्ता रमेश नाइक एल द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई थी कि रानौत ने 21 सितंबर 2020 को अपने ट्विटर अकाउंट '@KanganaTeam' से एक ट्वीट किया था:
"जो लोग सीएए के बारे में गलत सूचना और अफवाहें फैलाते हैं, जो दंगे का कारण बने, वही लोग हैं जो अब किसान के बिल के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और देश में आतंक पैदा कर रहे हैं। ये आतंकवादी हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि मैंने क्या कहा था लेकिन गलत सूचना फैलाना पसंद है।"
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी द्वारा उसके ट्विटर अकाउंट में पोस्ट की गई उपरोक्त सामग्री का स्पष्ट उद्देश्य उन लोगों को आहत करना है, जो कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया कि इस ट्वीट से विभिन्न समूहों के बीच टकराव हो सकता है। यह प्रस्तुत किया गया कि न तो पुलिस अधिकारी और न ही सरकार ने इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने/जांच करने के लिए कोई कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा वह उपरोक्त नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने में विफल रही।
इसलिए, शिकायतकर्ता ने अभिनेत्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 504, 108 के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की।