कर्नाटक हाईकोर्ट ने कोर्ट रूम में टेबल पर बार-बार हाथ पटक कर हंगामा करने वाले वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही बंद की; 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया

Update: 2022-12-02 07:57 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने न्यायाधीश की चेतावनियों के बावजूद निचली अदालत में टेबल पर बार-बार हाथ पटक कर हंगामा करने के लिए एक वकील के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक अवमानना की कार्यवाही को रद्द कर दिया है।

सिटी सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू की गई थी।

चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने मंगलवार को वकील केएन जगदीश कुमार की बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया और साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया।

वकील कुमार ने माफी मांगते हुए कहा,

"मैं अपने व्यवहार के लिए ईमानदारी से पश्चाताप करता हूं। मैं सबसे विनम्रतापूर्वक यह वचन देता हूं कि, मैं अदालत के अंदर और बाहर एक गरिमापूर्ण, सम्मानजनक, जिम्मेदार और विनम्र व्यवहार करूंगा। ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे या करेंगे जिससे न्यायपालिका की संस्था की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचे।"

यह मानते हुए कि कुमार ने अपने व्यवहार के लिए गंभीरता से पश्चाताप किया है, अदालत ने उसकी माफी स्वीकार कर ली और उसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को बंद कर दिया।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि 2,00,000 रुपये का जुर्माना में से, 1,00,000 रुपये कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा किए जाएंगे और 50,000 रुपये, एडवोकेट्स एसोसिएशन, बेंगलुरु के पास जमा किए जाएंगे, जिसका उपयोग पुस्तकालय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। और शेष 50,000 रुपये, कर्नाटक एडवोकेट्स क्लर्क्स बेनेवलेंट ट्रस्ट, उच्च न्यायालय भवन, बेंगलुरु में जमा किए जाएंगे। यह राशि आज से दो सप्ताह की अवधि के भीतर जमा की जाएगी।

केस टाइटल: कर्नाटक उच्च न्यायालय बनाम के.एन.जगदीश कुमार @ जगदीश महादेव @ जगदीश

केस नंबर : सीआरएल.सीसीसी नंबर 1 ऑफ 2022

साइटेश: 2022 लाइव लॉ 494

आदेश की तिथि: 29 नवंबर, 2022

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