कंगना रनौत ने कर्नाटक हाईकोर्ट से किसान विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ ट्वीट करने पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की
कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अभिनेत्री कंगना रनौत ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ किए ट्वीट के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
तुमकुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) ने 9 अक्टूबर, 2020 को न्यायिक पुलिस स्टेशन (कथासंधर) को अभिनेत्री कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शिकायतकर्ता रमेश नाइक एल द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि रनौत ने 21 सितंबर 2020 को अपने ट्विटर अकाउंट '@KanganaTeam' से एक ट्वीट पोस्ट किया है:
"जो लोग दंगों के कारण सीएए के बारे में गलत सूचना और अफवाह फैलाते हैं, वही लोग हैं अब कृषि कानूनों के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और देश में आतंक पैदा कर रहे हैं, वे आतंकवादी हैं। आप अच्छी तरह से जानते हैं कि मैंने क्या कहा था, लेकिन उन्हें गलत सूचना फैलाना पसंद है।"
दलील में आरोप लगाया गया है कि आरोपी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट में पोस्ट की गई उपरोक्त सामग्री उन लोगों को स्पष्ट रूप में आरोपी सिद्ध कर रही है। इस तरह वह दंगों के लिए भड़काऊ बयान दे रहे हैं और युवाओं के मन में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके अलावा, याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि इस ट्वीट से विभिन्न समूहों के बीच टकराव हो सकता है। यह प्रस्तुत किया गया कि न तो पुलिस अधिकारी और न ही सरकार ने इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने / जांच करने के लिए कोई कार्रवाई शुरू की है और सरकार उपरोक्त नामजद आरोपी के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने में विफल रही।
इसलिए, शिकायतकर्ता ने अभिनेत्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 504, 108 के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की।