जस्टिस गीता मित्तल को ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट्स काउंसिल की पहली महिला चेयरपर्सन के रूप में नियुक्ति किया गया
जस्टिस (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल को, ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह संस्था एक स्वतंत्र, स्व-नियामक निकाय है जिसे सामान्य मनोरंजन चैनलों के लिए इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) द्वारा स्थापित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमाजीत सेन की जगह लेंगी। इस आशय का एक निर्णय, आईबीएफ के निदेशक मंडल ने अपने अध्यक्ष के. माधवन के नेतृत्व में लिया।
न्यायमूर्ति मित्तल, कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय की एक एल्यूमना हैं, और वर्ष 1981 में उन्हे प्रैक्टिस करना शुरू किया। उन्हें जुलाई, 2004 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और फरवरी, 2006 में उन्हे पर्मानेंट किया गया था।
उनकी कई पहलों और फैसलों के लिए उनकी सराहना की गई है, उन्हें वर्ष 2008 में भारत के उपराष्ट्रपति से प्रतिष्ठित अलुम्ना पुरस्कार मिला, जो लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन द्वारा दिया गया था।
उन्होंने अप्रैल, 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 11 अगस्त, 2018 को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। वह 8 दिसंबर, 2020 को सीजे कार्यालय से रेटायर हुई।
वर्ष 2011 में स्थापित, बीसीसीसी भारत में सभी गैर-समाचार सामान्य मनोरंजन चैनलों से संबंधित सामग्री-संबंधी शिकायतों की जांच करता है। पिछले दस वर्षों में, 13 सदस्यीय निकाय ने 96,000 से अधिक सामग्री-संबंधी शिकायतों को संभाला है।