बिहार में न्यायिक अवसंरचना विकास: पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से अनुपालन रिपोर्ट मांगी

Update: 2022-02-14 11:44 GMT

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार राज्य के भीतर विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं के लिए बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान करने में राज्य की ओर से उदासीनता को उजागर करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक अवसंरचना विकास पर राज्य सरकार से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह याचिका केवल राज्य में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए ढांचागत जरूरतों तक ही सीमित है।

कोर्ट की टिप्पणियां

कोर्ट ने शुरू में कहा कि भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार दोनों को न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए फंड मुहैया कराया जाना है।

इसके अलावा, बिहार में राज्य के बुनियादी ढांचे के संबंध में न्यायालय ने कहा कि याचिका के अनुसार भले ही राज्य के भीतर संख्या में 1,20,000 से अधिक अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे हों, उप मंडल स्तर के बार के सदस्यों की स्थिति दयनीय है।

याचिका का उल्लेख करते हुए न्यायालय ने इस प्रकार नोट किया,

"कुर्सियां, टेबल, पंखे, पीने के लिए पानी की सुविधा, बार की महिला सदस्यों के लिए उचित शौचालय, क्लर्क या वादियों के लिए कोई उल्लेख नहीं है। Covid19 के समय में इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढांचे के बारे में क्या बात करना आवश्यक है।"

इस पृष्ठभूमि के खिलाफ यह देखते हुए कि न्यायिक अवसंरचना विकास के लिए नीति के तहत केंद्र और बिहार सरकार दोनों को 60:40 के अनुपात में फंड उपलब्ध कराना है, न्यायालय ने इस प्रकार देखा,

"बजटीय आवंटन की प्रक्रिया जहां तक भारत सरकार का संबंध है, पहले ही शुरू हो चुकी है और जहां तक बिहार राज्य का संबंध है, हम प्रतिवादियों को आज से दो सप्ताह की अवधि के भीतर सकारात्मक रूप से अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का निर्देश देते हैं।"

अंत में, मामले को 25 फरवरी, 2022 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कोर्ट ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव अर्थात् अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार सरकार, पटना को अपने स्तर पर मामले की जांच करने और प्रतिवादी संख्या 4 के हलफनामे के माध्यम से अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

केस का शीर्षक - रमाकांत शर्मा बनाम बिहार राज्य एंड अन्य।

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