जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ के खिलाफ पंजाब में दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने आईएएस कैडर के अधिकारी और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीआईओ) अंशुल गर्ग के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पंजाब पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगा दी।
गर्ग की परित्यक्ता पत्नी ने पटियाला के महिला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर दहेज मांगने, सहमति के बिना बच्चे का जबरन गर्भपात कराने और धोखा देने सहित कई अपराधों का आरोप लगाया गया।
व्यथित गर्ग ने अपनी पत्नी की प्रभावशाली पृष्ठभूमि पंजाब में कैबिनेट रैंक वाले प्रमुख व्यक्ति की बेटी होने जैसे कारणों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट की जम्मू पीठ के समक्ष याचिका दायर की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी बांझपन की समस्या से जूझ रही है, जिस कारण उसे गर्भधारण करने में कठिनाई हो रही है।
उनका दावा है कि इससे वैवाहिक कलह हुई और उन्होंने प्रति-उपाय के रूप में न्यायिक अलगाव की मांग की, जिसके लिए उनकी अलग पत्नी ने उपरोक्त एफआईआर दर्ज कराई।
जस्टिस एमए चौधरी की पीठ ने वकील की सुनवाई के बाद कहा कि चूंकि गर्ग के खिलाफ लगाए गए अधिकांश आरोप जम्मू-कश्मीर की घटनाओं से संबंधित हैं, इसलिए इस याचिका पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र उनका है।
उन्होंने कहा,
"'कार्रवाई का कारण' हालांकि पूरी तरह से नहीं, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा इस अदालत की क्षेत्रीय सीमा के भीतर उत्पन्न हुआ है। इसके अलावा, मामले में आरोपी याचिकाकर्ता भी इस अदालत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में रह रहे हैं।"
उसी के मद्देनजर अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए परित्यक्त पत्नी और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। इस बीच, इसने एफआईआर पर रोक लगा दी और मामले को 19 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
केस टाइटल: अंशुल गर्ग बनाम पंजाब राज्य व अन्य।
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