ट्रेडमार्क के उपयोग को उचित ठहराने के लिए भारतीय कंपनी ने किया ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश का उल्लेख, दिल्ली हाईकोर्ट ने दलील नहीं मानी; जर्मन कंपनी को अंतरिम राहत दी

Update: 2023-09-28 11:20 GMT

Delhi High Court

एक भारतीय कंपनी ने हाल ही में ट्रेडमार्क के उपयोग को उचित ठहराने के लिए हिंदू त्र‌िदेव-ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश का उल्लेख किया, हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उसकी दलील को खा‌रिज कर दिया। कपंनी पर एक जर्मन मेडिकल उपकरण कंपनी "वीबीएम" के चिन्ह का उल्लंघन करने का आरोप है।

जर्मन कंपनी को अंतरिम राहत देते हुए जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ ने कहा, "किसी पुष्ट दस्तावेजी साक्ष्य के अभाव में ''ब्रह्मा, विष्णु, महेश'' की सफाई कानून की कसौट पर खरा उतरने के लिए बहुत ही कमज़ोर है।"

पीठ "वीबीएम" ब्रांड के तहत चिकित्सा उपकरणों के निर्माण और विपणन में लगी एक जर्मन कंपनी वीबीएम मेडिज़िनटेक्निक जीएमबीएच की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एक भारतीय कंपनी के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था और "वीबीएम" चिह्न का उपयोग करने पर रोक लगाने की मांग की थी।

अदालत ने निर्णय में कहा कि भारतीय कंपनी ने अपने तर्क के समर्थन में कोई दस्तावेज रिकॉर्ड पर नहीं रखा है कि, 2002 में जब उसे अपना चिन्ह बनाया था, तब "वीबीएम" की परिकल्पना "विष्णु ब्रह्मा महेश" के संक्षिप्त रूप की गई थी।"

कोर्ट ने कहा, "वीबीएम" के उपयोग के लिए दिए गए ऐसे सरल स्पष्टीकरण को स्वीकार करने में वह असमर्थ है।

कोर्ट ने कहा,

"यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी, वादी की ओर से निर्मित, बिक्री किए जा रहे अन्य उत्पादों के संबंध में खरीदारों के मन में भ्रम पैदा करने के इरादे से सक्रिय रहा है।"

कोर्ट ने कहा कि विवादित चिह्न में" भारत "जोड़ने में प्रतिवादी की झिझक भी अपने आप में बहुत कुछ कहती है।

अदालत ने कहा कि विवादित चिह्न का पंजीकरण उसी वस्तु के लिए प्राप्त किया गया था, जिसके लिए जर्मन कंपनी अपने चिह्न का उपयोग कर रही थी। इस प्रकार, प्रथम दृष्टया, अदालत ने कहा कि वह संतुष्ट है कि प्रतिवादी अपने उत्पादों को वादी के उत्पादों के रूप में पेश करने के इरादे से सक्रिय था।

यह मानते हुए कि दोनों निशान वस्तुतः एक जैसे थे, अदालत ने कहा कि जर्मन इकाई के निशान की नकल करने का इरादा दर्दनाक रूप से स्पष्ट था।

यह निष्कर्ष निकालते हुए कि प्रथम दृष्टया, उल्लंघन का मामला बनता है, अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा का आदेश पारित किया, जिसमें मुकदमे के लंबित रहने के दौरान चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी गई।

अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि प्रतिवादी का "वीबीएम" चिह्न, संभावित उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने में भ्रमित करेगा कि उत्पाद जर्मन कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था और इसके परिणामस्वरूप जर्मन कंपनी के गुडविल को नुकसान होना और उसका कमजोर होना तय था।

अदालत ने कहा, "प्रथम दृष्टया, इसलिए, प्रतिवादी उस सामान को वादी के सामान के रूप में देने की कोशिश कर रहा था, जिसमें उसने "वीबीएम" चिह्न के तहत सौदा किया था।"

अदालत ने कहा, "वादी की गुडव‌िल पर सवार होने की प्रतिवादी की मंशा इस तथ्य से भी स्पष्ट थी कि, वितरक समझौते की समाप्ति के बाद भी, प्रतिवादी खुद को वादी के अधिकृत एजेंट के रूप में प्रस्तुत करता रहा।"

उक्त टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने अंतरिम निषेधाज्ञा देते हुए, ''वीबीएम'' चिह्न के उपयोग पर रोक लगा दी।

केस टाइटल: वीबीएम मेडिज़िनटेक्निक जीएमबीएच बनाम गीतान लूथरा

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