भारतीय वायु सेना अधिकारी को COVID वैक्सीन लेने से इनकार करने पर नोटिस मिलाः गुजरात हाईकोर्ट ने अस्थायी राहत दी

Update: 2021-06-24 10:45 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को उस वायु सेना अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है, जिसने COVID वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया था और इसलिए उसे आईएएफ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

न्यायमूर्ति ए जे देसाई और न्यायमूर्ति एपी ठाकर की पीठ वायु सेना अधिकारी योगेंद्र कुमार (वर्तमान में गुजरात के जामनगर में तैनात) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि COVID19 वैक्सीन लेने से इनकार करने पर क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएं।

26.2.2021 को कमांडिंग ऑफिसर को भेजे गए उनके व्यक्तिगत आवेदन के जवाब में उन्हें यह कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जिसमें उन्होंने COVID19 टीकाकरण के लिए अपनी अनिच्छा व्यक्त की थी।

उन्होंने अपने आवेदन में कहा है किः

''मैं एलोपैथी दवाओं को केवल आपात स्थिति में अपनाता हूं या फिर जब आयुर्वेद में समाधान संभव ना हो... मेरी चेतना आयुर्वेदिक तरीकों का उपयोग करने के बजाय टीकाकरण की अनुमति नहीं देती है ... यह मेरा विनम्र अनुरोध है कि मुझे COVID19 के टीकाकरण से छूट दी जाए।''

हाईकोर्ट का रुख करते हुए,याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया है कि भारत संघ का कहना है कि COVID19 वैक्सीन स्वैच्छिक है और एक आरटीआई प्रश्न के जवाब में, सरकार ने कहा था कि COVID के टीके को लेना पूरी तरह से स्वैच्छिक है और सरकारी सुविधाओं, नागरिकता, नौकरी आदि के प्रावधान का वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है और उस पर जबरन वैक्सीनेशन नहीं कराया जा सकता है।

उन्हें दो बार (29 अप्रैल और 10 मई) कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जिनमें उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था कि COVID19 वैक्सीन लेने से इनकार करने के लिए क्यों न उनकी सेवा को समाप्त कर दिया जाना चाहिए?

एक कारण बताओ नोटिस में आईएएफ ने कहा है किः

''आपकी अवज्ञा घोर अनुशासनहीनता के कगार पर है और आपके सेवा में बने रहने से अन्य वायु योद्धाओं और वायुसेना (वायु सेना) के नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है ... एओसी-इन-सी एसडब्ल्यूएसी(एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, साउथ वेस्टर्न एयर कमांड),आईएएफ की राय है कि अनुशासित बल में आपकी निरंतरता ... अनुपयुक्त है ... आपको कारण बताना है कि क्यों न आपको एयर फोर्स एक्ट 1950 की धारा 20 (3) रिड विद एयर फोर्स रूल्स 1969 के रूल 18 के अनुसार सेवा से बर्खास्त कर दिया जाए ?...''

उन्होंने अदालत के समक्ष यह भी कहा है कि भारतीय वायुसेना द्वारा अपने कर्मियों के लिए टीकाकरण अनिवार्य करने के लिए लिखित में कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले महीनों की देश के अखबारों की कई रिपोर्ट बताती हैं कि COVID19 वैक्सीन लेने के बाद कई मौतों और गंभीर प्रतिकूल घटनाओं की सूचना मिली है।

याचिका में कहा गया है कि,

''इस प्रकार, याचिकाकर्ता को भारत के संविधान के आर्टिकल 14 के तहत जीवन के अधिकार के तहत इलाज का अधिकार चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए और टीका लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जो प्रतिकूल प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है।''

याचिका में की गई प्रार्थनाएं-

-याचिकाकर्ता को भारतीय वायु सेना द्वारा 10.05.21 को जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द किया जाए

-भारतीय वायु सेना को निर्देश दिया जाए कि वह याचिकाकर्ता को टीका लगवाने के लिए बाध्य न करे और इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करना बंद करे

- भारतीय वायु सेना को निर्देश दिया जाए कि वह 10.5.2021 को जारी किए गए कारण बताओ के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे

-भारतीय वायु सेना को भारत संघ के आदेश का पालन करने के लिए निर्देशित करें कि टीका विशुद्ध रूप से स्वैच्छिक है और इसलिए भारतीय वायु सेना में वैक्सीन को अनिवार्य बनाने का कोई आदेश जारी न किया जाए।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता गुंजन सिंह, ओम् कोतवाल और श्री कोतवाल ने किया।

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