दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2017 में हरियाणा के रे*** स्कूल में हुई एक छात्र की हत्या के रहस्य पर लिखी किताब के प्रकाशन पर रोक लगाई

Update: 2021-01-22 09:55 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने 'द रेयान स्कूल मर्डर' नामक पुस्तक के विमोचन पर रोक लगा दी, जिसे 23 जनवरी 2021 को शानिवार को जगरनॉट और हार्पर कॉलिन्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया जाना था।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की एकल पीठ ने यह आदेश सेंट जेवियर्स एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा पुस्तक के लेखक, पत्रकार लीना धनखड़, प्रकाशक जगरनॉट बुक्स, एएजे एंटरप्राइजेज और ई-सेलर्स अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ दायर एक निषेधाज्ञा आवेदन में पारित किया गया है।

पुस्तक में धनखड़ ने कक्षा II के छात्र प्रिंस (काल्पनिक नाम) की भयावह हत्या के का खुलासा किया है। छात्र का शव सितंबर 2017 में हरियाणा के गुरूग्राम के रे*** इंटरनेशनल स्कूल के वाशरूम से बरामद किया गया था।

निषेधाज्ञा के आवेदन में सेंट जेवियर्स ट्रस्ट ने दावा किया कि प्रच्छन्न पुस्तक का शीर्षक अपने स्कूलों के लिए आपत्तिजनक और अपमानजनक है। इसके साथ ही स्कूल की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करके सस्ता प्रचार करने के लिए बनाया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि,

"अगर किताब प्रकाशित होती है, तो उसके स्कूलों को प्रतिष्ठा और व्यवसाय का गंभीर नुकसान होगा क्योंकि लोग इस धारणा के तहत आएंगे कि स्कूल हत्या के लिए जिम्मेदार था।"

आगे कहा कि,

"पुस्तक न केवल अपने वर्तमान छात्रों और उनके माता-पिता को भय और आतंक की स्थिति में डाल देगी बल्कि अपने भावी छात्रों को प्रवेश लेने से भी रोक देगी।"

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि,

"उत्तरदाताओं को पुस्तक को प्रकाशित करने से रोका जाना चाहिए और इसके शीर्षक को बदलने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।"

यह आदेश 8 जनवरी, 2018 को गुरूग्राम के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरुग्राम द्वारा पारित किया गया था, जबकि हत्या के मामले में अभियुक्तों द्वारा चले गए किशोर की दलील पर सुनवाई की गई थी। एएसजे कोर्ट ने आदेश दिया था कि आरोपी बच्चे को एक काल्पनिक नाम से जाना जाएगा और स्कूल को 'विद्यालय' के रूप में संदर्भित किया जाएगा।

याचिकाकर्ता ने आग्रह किया कि कोर्ट के फैसले के तहत 'रे*** स्कूल' शब्द को हटा दिया गया है इसलिए किताब से भी इसे हटा दिया जाए।

याचिकाकर्ता ने किताब पढ़ने के बाद, उसी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिकारों की तलाश की।

सभी बातों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने उत्तरदाताओं को अगले आदेश तक पुस्तक जारी करने से रोक दिया है। इसने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट को पुस्तक पर आगे कोई आदेश लेने या उसी के लिए किसी भी लंबित आदेश को संसाधित करने से भी रोक दिया है।

उत्तरदाताओं ने भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का दावा करते हुए आवेदन का विरोध किया था। यह भी कहा गया था कि कई लेख, रिपोर्ट, आदि सार्वजनिक डोमेन में हैं, स्कूल का नामकरण और इस प्रकार मानहानि के लिए उत्तरदाताओं को दोष देना अनुचित है।

यह मामला अब 10 मई 2021 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

केस का शीर्षक: सेंट जेवियर्स एजुकेशन ट्रस्ट बनाम लीना धनकर और अन्य।

Case No. : CS (OS) 51/2021

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