क्या UIDAI के पास उपलब्ध 'विशिष्ट विशेषताओं' से मृतक मोटर दुर्घटना पीड़ितों की पहचान की जा सकती है? दिल्ली हाईकोर्ट विचार करेगा
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) एक कानूनी प्रश्न पर विचार करने के लिए तैयार है कि क्या मोटर वाहन दुर्घटना (MACT) मामलों में अज्ञात शवों की पहचान भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के पास उपलब्ध विशिष्ट विशेषताओं की मदद से की जा सकती है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने कानूनी मुद्दे को तय करने में कोर्ट की सहायता के लिए सीनियर एडवोकेट प्रशांत चंद्र सेन को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया।
केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (यूआईडीएआई) के पास उपलब्ध विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर मृतक पीड़ितों की पहचान के मुद्दे पर पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण से प्राप्त आपराधिक संदर्भ में यह विकास हुआ।
कोर्ट ने अतिरिक्त सरकारी वकील, दिल्ली सरकार, एएसजी चेतन शर्मा को यूआईडीएआई के लिए नामित सरकारी वकील के रूप में नोटिस जारी किया। सदस्य सचिव, दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी नोटिस जारी किया गया।
कोर्ट ने उक्त पक्षकारों को निर्देश दिया कि वे मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर से पहले संदर्भ के संबंध में अपना जवाब दाखिल करें।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"पेपर बुक ऑफ रेफरेंस की प्रति अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, यूआईडीएआई के लिए नामित सरकारी वकील, एमिकस क्यूरी और सचिव, डीएसएलएसए को प्रदान की जाए।"
केस टाइटल: कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम स्टेट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एंड अन्य।
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