हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में नया जिला बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की

Update: 2022-02-17 09:07 GMT

Chhattisgarh High Court

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य में एक नया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के निर्माण के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी। इसके तहत छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 13 (2) के तहत रायगढ़ और बलौदा बाजार -भाटापारा की सीमा में परिवर्तन करके नए जिले का निर्माण करने की मांग की गई थी।

चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एन.के. चंद्रवंशी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की।

उक्त आवेदन ग्राम पंचायत कंडोला ने अपने सरपंच ओंकार पटेल के माध्यम से दायर किया गया।

अतिरिक्त महाधिवक्ता मीना शास्त्री ने प्रस्तुत किया कि इस विषय पर चार जनहित याचिकाएं। सभी याचिकाएं 2022 में दायर की गई थीं, जो पहले से ही न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। इसलिए, उसी मामले पर एक और जनहित याचिका पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं।

कोर्ट ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नियम, 2007 के नियम 79(1) के लिए आवश्यक है कि याचिका में याचिकाकर्ता का बयान शामिल होना चाहिए कि क्या उसी कारण से संबंधित न्यायालय में कोई याचिका दायर की गई।

याचिकाकर्ता ने यहां यह दावा किया कि उसकी जानकारी के अनुसार इसी विषय पर कोई अन्य जनहित याचिका लंबित नहीं है।

इस समय, याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता काले ने लंबित जनहित याचिकाओं में उचित आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता के साथ अपना आवेदन वापस लेने की अनुमति मांगी।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी और टिप्पणी की कि इस तरह के आवेदन को दाखिल करने की स्थिति में उस पर कानून के अनुसार विचार किया जाना चाहिए।

केस शीर्षक: ग्राम पंचायत, कंडोला अपने 'सरपंच ओंकार पटेल बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य' के माध्यम से।

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (Chh) 14

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