"अदालत की गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए": गुजरात हाईकोर्ट ने शाम पांच बजे तक सुनवाई के दौरान बजने वाले एक मोबाइल फोन को जब्त करने का आदेश दिया

Update: 2021-12-01 11:56 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को अदालत की सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति के बजते मोबाइल को जब्त करने का आदेश दिया। अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को आज शाम पांच बजे तक मोबाइल वापस नहीं करने को कहा।

चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की बेंच जब एक मामले की सुनवाई कर रही थी, तभी एक शख्स के मोबाइल की घंटी बजने लगी। वह तुरंत उठ खड़ा हुआ और कोर्ट रूम के निकास द्वार की ओर बढ़ने लगा। इस दौरान सीजे अरविंद कुमार ने पूछा कि वह कौन हैं।

बेंच के सवाल का जवाब देते हुए एक वकील खड़ा हुआ और कोर्ट के सामने यह कहते हुए माफी मांगी कि वह आदमी उसका मुवक्किल है, जो एक हलफनामा दाखिल करने के लिए निकला है। उसके स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, वह कोर्ट रूम के अंदर आया गया।

सीजे अरविंद कुमार ने कोर्ट मास्टर से कहा,

"क्या यह नोटिस बोर्ड पर नहीं है कि मोबाइल बंद कर दिया जाए? मोबाइल ले लीजिए।"

सीजे अरविंद कुमार ने इसके बाद वकील से कहा:

"आप भुगतान करें। 100 रुपये जुर्माना, अन्यथा मैं उनके नाम पर जुर्माना जारी करूंगा, लेकिन हमें अदालत में मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।"

इसके जवाब में वकील ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने के बाद उन्होंने स्पष्ट रूप से उस व्यक्ति को वकीलों के चैंबर में रहने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उसने पीठ को सूचित किया कि वह 58 वर्ष का है। वह मानसिक रूप से परेशान है, क्योंकि उसकी बेटी को उसके ससुराल वालों ने कथित तौर पर मार दिया है और मामले को आत्महत्या के मामले में बदल दिया गया है।

सीजे अरविंद कुमार ने इस पृष्ठभूमि में उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया कि शाम को उसे मोबाइल वापस कर दिया जाए और उससे कोई जुर्माना नहीं वसूला जाए।

कोर्ट ने कहा,

"अगली बार जो कोई भी ऐसा करेगा, उससे हमें जुर्माना वसूलना होगा। पहली बार 100 रुपये, दूसरी बार 500 रुपये और तीसरी बार 1000 रुपये।"

सीजे ने वकील से यह भी कहा कि उन्हें इस बार जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है। मोबाइल रजिस्ट्रार जनरल के पास होगा और इसे शाम पांच बजे वापस कर दिया जाएगा।

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