गोविंद पानसरे हत्याकांड : एसआईटी से महाराष्ट्र एटीएस को जांच हस्तांतरण की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में आवेदन दायर

Update: 2022-07-07 10:50 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे की हत्या की जांच राज्य एसआईटी से महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते को सौंपने की मांग को लेकर दायर आवेदन पर नोटिस जारी किया। आवेदन में उक्त हत्या के पीछे के असली मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

पानसरे की बेटी स्मिता पानसरे द्वारा दायर आवेदन में कहा गया कि सुबह की सैर पर उसके पिता की गोली मारकर हत्या करने के लगभग सात साल बाद एसआईटी इस मामले में कोई ठोस सफलता हासिल करने में विफल रही।

आवेदन में कहा गया कि तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, प्रोफेसर कलबुर्गी, पानसरे और गौरी लंकेश की हत्याओं के बीच महाराष्ट्र एटीएस ने 2019 में नालासोपारा आर्म्स केस, 2019 के तहत जांच शुरु की थी।

इसके अलावा, कथित शूटर सारंग अकोलकर और विनय पवार अभी भी मामले में फरार हैं। याचिका में कहा गया कि कई सह-अभियुक्तों ने आरोपमुक्त करने के लिए आवेदन दाखिल किया है।

"यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो फरार आरोपियों को वापस लाना मुश्किल हो सकता है।"

आदेवन में आगे कहा गया,

"कॉमरेड गोविंद पानसरे की हत्या के मास्टरमाइंड के साथ-साथ शूटर की पहचान करने के लिए केस को प्रतिवादी एसआईटी से तत्काल प्रभाव से महाराष्ट्र एटीएस में स्थानांतरित किया जा सकता है।"

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पानसरे परिवार के वकील अभय नेवागी ने गुरुवार को मामले का उल्लेख किया। इसके बाद पीठ ने राज्य से जवाब मांगा।

इस बीच अदालत ने मामले की जांच कर रही एसआईटी के गठन में भी बदलाव की अनुमति दी, क्योंकि तीन अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, एक की मृत्यु हो गई। कोर्ट ने कहा कि नए जांच अधिकारी की नियुक्ति चार हफ्ते में की जानी चाहिए।

याचिका के अनुसार, हत्याओं की जांच के लिए विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा पांच अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए गए हैं।

"हालांकि, सभी पांच मामलों के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए किसी भी जांच एजेंसी द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया।"

वर्तमान में संबंधित राज्य सरकारों ने वास्तव में हिटलिस्ट में शामिल लोगों को सुरक्षा दी है। आज भी याचिकाकर्ता सहित 40 बुद्धिजीवियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है।

"नालासोपारा बम विस्फोट मामले में सभी पांच चार्जशीट पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उक्त हत्याकांड के पीछे गहरी और बड़ी साजिश मौजूद है। सभी पांच मामलों के पीछे के मास्टरमाइंड का अभी तक पता नहीं चला है।"

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