गोरखपुर अस्पताल त्रासदी 2017 | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Update: 2022-10-26 05:45 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज (गोरखपुर जिले में) में हुई 63 बच्चों की मौत की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज की।

चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने जनहित याचिका को राज्य के वकील द्वारा दिए गए बयान को ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया कि मामले की जांच की गई, रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और दोषी डॉक्टरों और कर्मचारियों को दंडित किया गया। साथ ही सभी अस्पतालों में उचित सुधारात्मक उपाय किए गए।

वर्ष 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण लगभग 63 बच्चों की मौत हो गई। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दावे का खंडन किया कि मौतें ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण हुईं।

नवंबर, 2018 में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि 63 बच्चों की मौत लापरवाही का परिणाम थी।

उल्लेखनीय है कि इस त्रासदी के बाद बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान को उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया था। आखिरकार उन्हें नवंबर, 2021 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

अगस्त, 2017 में कथित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 63 बच्चों की मौत के तुरंत बाद खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। दो साल बाद उन्हें बहराइच जिला अस्पताल में कर्मचारियों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के लिए फिर से निलंबित कर दिया गया। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों निलंबन आदेशों पर रोक लगा दी थी।

केस टाइटल- लोकेश कुमार खुराना और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य संबंधित मामलों के साथ

केस साइटेशन: लाइव लॉ (एबी) 475/2022 

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