पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव- "निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करे", कलकत्ता हाईकोर्ट ने निष्पक्ष राज्य चुनावों के संबंध में दाखिल याचिका का निपटारा किया

Update: 2021-03-02 03:30 GMT

चुनाव आयोग के जवाब को स्वीकार करते हुए कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार (01 मार्च) को एक जनहित याचिका का निपटारा किया जो राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लेकर आशंका जाहिर करते हुए दायर की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह भारत निर्वाचन आयोग के क्षेत्र के भीतर है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराना सुनिश्चित करे।

न्यायालय के समक्ष मामला

पश्चिम बंगाल राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के आयोजन को लेकर एक रिट याचिका दायर की गई थी।

कोर्ट का अवलोकन

शुरुआत में, न्यायालय ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, समग्र रूप से नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों का हिस्सा हैं।

इसके अलावा, न्यायालय ने कहा किया,

"संविधान के अनुसार, भारत के चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण रूप से नियंत्रित करना होता है, जिसका अर्थ है कि एक बार चुनाव को अधिसूचित करने के बाद, यह भारत के चुनाव आयोग का सर्वोच्च लक्ष्य होगा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों।"

अंत में, न्यायालय ने भारत निर्वाचन आयोग की उन प्रस्तुतियाँ को दर्ज करते हुए रिट याचिका का निपटारा किया गया कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा और चुनाव के सिलसिले में पश्चिम बंगाल राज्य में इस तरह के उद्देश्य के लिए जो भी आवश्यक हो, वो सब कुछ करेगा।

चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल राज्य के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा की, जहां वोट 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को 8 चरणों में डाला जाएगा।

पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए मतदान होना है और मतों की गिनती 2 मई को होगी।

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