जासूसी मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को जमानत दी

Update: 2022-01-07 06:59 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को एक मामले के संबंध में जमानत दे दी। इस मामले में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पारिश्रमिक के बदले में चीनी अधिकारियों को गोपनीय जानकारी प्रदान की।

प्रवर्तन निदेशालय ने शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।

जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने 21 दिसंबर, 2021 को फैसला सुरक्षित रखने के बाद शुक्रवार को यह आदेश सुनाया।

पिछली सुनवाई के दौरान शर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने प्रस्तुत किया कि जमानत याचिका पीएमएलए के एक मामले से संबंधित है। इसमें शर्मा, समाचार रिपोर्टिंग व्यवसाय से संबंधित दक्षिण एशिया मॉनिटर नामक एक संगठन से जुड़े पत्रकार होने के नाते गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्हें उस मामले में डिफॉल्ट जमानत दी गई थी। माथुर ने यह भी कहा कि शर्मा उनके खिलाफ ईसीआईआर दर्ज होने के बाद जांच में शामिल हुए।

इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में कैमरा कार्यवाही की मांग करने से पहले एक आवेदन दिया।

ईडी का मामला यह था कि शर्मा ने कुछ पारिश्रमिक के बदले में चीनी अधिकारियों को गोपनीय जानकारी दी थी, जिसमें देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित शामिल थे।

हालांकि यह प्रस्तुत किया गया कि ईडी उसे परेशान करने के लिए विशेष प्रकोष्ठ द्वारा की गई जांच के अनुसार तुरंत समानांतर कार्यवाही कर रहा है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि वह अपने द्वारा प्राप्त भुगतानों के प्रत्येक मिनट के विवरण को स्पष्ट कर सकता है और वह बिल्कुल निर्दोष है।

सत्र न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद शर्मा ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

केस शीर्षक: राजीव शर्मा बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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