"आंगनवाड़ी केंद्रों में खिलौने दान करें": मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डकैती मामले में आरोपी को सशर्त जमानत दी

Update: 2022-10-26 05:40 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डकैती के मामले में आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि वह पांच आंगनबाडी केंद्रों पर खिलौने दान करेगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे/छोटे बच्चे आंगनबाडी केंद्र में उन खिलौनों के साथ खेल सकें।

जस्टिस आनंद पाठक की खंडपीठ ने यह आदेश दिया, जिन्होंने तर्क दिया कि यह निर्देश न्यायालय द्वारा ट्रायल मामले के रूप में दिया जा रहा है ताकि निर्माण की प्रक्रिया द्वारा अपराध, हिंसा और बुराई के एनाटॉमी को संबोधित किया जा सके और प्रकृति के साथ संरेखण की दिशा में कदम उठाया जा सके।

आरोपी को निर्देश दिया गया कि वह सभी आंगनबाडी को दिए गए खिलौनों के नाम का उल्लेख करते हुए ट्रायल कोर्ट के समक्ष रिलीज की तारीख से पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर तस्वीरों के साथ एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

इंद्रभान सिंह गुर्जर ने उस मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें वह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148, 149, 294, 307, 387, 506 और 395 और एमपीडीवीपीके अधिनियम की धारा 11/13 और 25/ आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत आरोपी है।

उसका निवेदन यह है कि वह 11 जून, 2022 से कारावास में हैं और आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है। निहितार्थ का एकमात्र स्रोत साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत ज्ञापन है।

इसके अलावा, उसने प्रस्तुत किया कि वह बेहतर नागरिक बनने के अपने तरीकों को सुधारने का इरादा रखता है। उसने अनुरोध किया कि उसे खुद को सुधारने का मौका दिया जाए। उसके वकील ने प्रस्ताव दिया कि जमानत पर रिहा होने पर वह शिवपुरी जिले के मगरौनी के पांच आंगनबाडी केंद्रों में खिलौने दान कर कुछ समाज सेवा करेगा।

प्रस्तुतियां और मामले की तथ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना अदालत ने 50,000/- रुपये के निजी मुचलके पर उसकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

इसके अलावा, अदालत ने उसे पांच आंगनबाडी केंद्रों पर खिलौने दान करने का निर्देश दिया, जहां वह रहता है या पुलिस स्टेशन मगरौनी, जिला शिवपुरी के आसपास है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे/छोटे बच्चे आंगनवाड़ी केंद्र में उन खिलौनों के साथ खेल सकें।

अदालत ने आगे टिप्पणी की,

"यह निर्देश इस न्यायालय द्वारा अपराध, हिंसा और बुराई की एनोटोमी को संबोधित करने के लिए इस मामले में बतौर प्रयोग दिया जा रहा है, जो प्रकृति के साथ संरेखण की दिशा में एक कदम है। मानव अस्तित्व के लिए करुणा, सेवा, प्रेम और दया की प्राकृतिक प्रवृत्ति की आवश्यकता है, जो फिर से जागृत होनी चाहिए, क्योंकि वे मानव अस्तित्व के सहज गुण हैं।"

इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत याचिका की अनुमति दी और मामले का निपटारा किया।

केस टाइटल- इंद्रभान सिंह गुर्जर बनाम मध्य प्रदेश राज्य [MCRC_49044_2022]

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