अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपए तक का लोन देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश देने की मांग

Update: 2020-06-06 10:41 GMT

अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपये तक का ऋण देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश देने की मांग करते हुए अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद (एबीएपी) ने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया है।

उक्त अभ्यावेदन में यह अनुरोध किया गया है कि रुपए 5,00,000 / - (केवल पांच लाख रुपये) अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा पर, ब्याज की रियायती दर पर अधिवक्ताओं को प्रदान किया जाना चाहिए।

इसके संवितरण के छह महीने स्थगन के बाद अगले तीन साल में चुकाया जाना चाहिए।

एबीएपी ने कहा,

" अदालतों में फिज़िकल कामकाज न होने के कारण कई अधिवक्ताओं, विशेष रूप से जिला और तालुका के स्तर पर प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।"

एबीएपी ने वित्तीय संकट के कारण कर्नाटक में आत्महत्या करने वाले एक वकील की त्रासदी को भी उजागर किया।

संगठन ने इस बात पर जोर दिया है कि अधिवक्ताओं को आभासी न्यायालयों में उपस्थित होने के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे कंप्यूटर आदि की व्यवस्था के लिए वित्तीय पैकेज की आवश्यकता होती है और अपने नियमित खर्चों को पूरा करने के लिए जैसे क्लर्क के वेतन का भुगतान और कार्यालय का किराया आदि के लिए भी धन की आवश्यकता होती है।

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