वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग गवाही पर दिल्ली हाईकोर्ट बार का विरोध, वकील पहनेंगे 'काली पट्टी'

Update: 2025-08-27 07:57 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उपराज्यपाल (Delhi LG) वी.के. सक्सेना द्वारा जारी उस अधिसूचना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिसके तहत दिल्ली के सभी पुलिस थानों को पुलिस अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दर्ज करने के लिए “निर्दिष्ट स्थान” घोषित किया गया।

बार एसोसिएशन ने बुधवार (27 अगस्त) को नोटिस जारी कर अपने सदस्यों से अपील की कि वे अदालत में पेश होते समय काली पट्टी (ब्लैक रिबन) बांधें, जब तक कि यह अधिसूचना वापस नहीं ली जाती।

नोटिस में कहा गया,

“दिनांक 13.08.2025 की अधिसूचना के विरोध में सदस्यों से अनुरोध है कि वे अदालत में पेश होते समय काली पट्टी पहनें। यह विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक उपराज्यपाल द्वारा उक्त अधिसूचना वापस नहीं ली जाती। सभी सदस्य सहयोग करें।”

गौरतलब है कि 13 अगस्त को जारी अधिसूचना में दिल्ली के 226 पुलिस थानों को निर्दिष्ट स्थान घोषित किया गया, जहां से पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में गवाही दे सकते हैं।

इससे पहले 21 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी के सभी जिला अदालतों की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने इस अधिसूचना के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया था, जो अभी तक जारी है।

इस अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है।

बार एसोसिएशनों का कहना है कि यह व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है, जबकि सरकार का तर्क है कि यह कदम गवाही प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाएगा।

केस टाइटल: अधिसूचना दिनांक 13.08.2025 बनाम दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन

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