मुख्यमंत्री कल्याण योजना में अपना दावा पेश करने के लिए बीसीडी में रजिस्ट्रर्ड वकीलों के लिए दिल्ली का वोटर आईडी जरूरी नहीं: हाईकोर्ट

Update: 2021-07-12 09:29 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में सोमवार को दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रर्ड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वाले सभी अधिवक्ताओं को मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ देने का आदेश दिया।

ये अधिवक्ता चाहे दिल्ली के वोटर आईडी कार्ड रखते हों या नहीं, इन्हें लाभ दिया जाएगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा दायर एक याचिका में पारित किया है।

दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) में नामांकित (चाहे उनके नाम राष्ट्रीय राजधानी की मतदाता सूची में हों या नहीं) सभी अधिवक्ताओं को योजना का लाभ देने के निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, "किसी वकील की प्रैक्टिस की जगह पर ध्यान दिया जाना चाहिए न कि उसके निवास स्थान पर। यह देखा गया कि "सभी अधिवक्ता राष्ट्रीय राजधानी में रहने का जोखिम नहीं उठा सकते, भले ही वे यहां प्रैक्टिस करते हो।"

यह देखते हुए कि यह योजना समाज और कानूनी पेशे में अधिवक्ताओं की भूमिका को पहचानती है, अदालत ने कहा कि चाहे वे कहीं भी रहते हों, ये वकील दिल्ली में न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को दिल्ली सरकार द्वारा आवंटित बजट में वार्षिक घाटे को भरने का निर्देश दिया गया है।

दलीलों ने दिल्ली में मतदाता सूची में नामों के आधार पर भेदभाव के खिलाफ तर्क दिया, जिसमें कहा गया कि निवास स्थान के आधार पर भेदभाव और प्रैक्टिस नहीं, किसी भी तर्क पर आधारित नहीं है।

याचिका में दिल्ली की मतदाता सूची में नामों के आधार पर पात्रता शर्त को हटाने की सीमा तक सरकार की 17 मार्च की अधिसूचना को रद्द करने या संशोधित करने की मांग की गई है।

50 करोड़ रूपये की योजना के तहत दिल्ली सरकार को लगभग 29,000 दिल्ली वकीलों के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी (NIAC) से बीमा पॉलिसी खरीदनी है।

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