दिल्ली हाईकोर्ट ने राजस्थान के मंत्री के बेटे के खिलाफ दर्ज रेप केस रद्द करने की मांग वाली याचिका पर राज्य का जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी द्वारा दायर याचिका में राज्य को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है, जिसमें उनके खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध आदि के अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है।
विशेष रूप से, राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य को रोहित पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला को सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
23 वर्षीय शिकायतकर्ता ने राजस्थान की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में न्याय नहीं मिलने की आशंका व्यक्त की, जहां आरोपी के पिता का महत्वपूर्ण प्रभाव है, और इस तरह दिल्ली में सदर बाजार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था।
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 328 (ज़हर आदि से चोट पहुँचाना), 312 (गर्भपात का कारण बनाना), 366 (अपहरण या महिला को उसकी शादी के लिए मजबूर करने के लिए प्रेरित करना, आदि), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (शब्द, हावभाव या कार्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की शील का अपमान करना है) के तहत अपराधों के लिए दर्ज की गई है।
रोहित ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें 9 मई की प्राथमिकी रद्द करने की प्रार्थना की गई।
जस्टिस तलवंत सिंह की एकल पीठ ने नोटिस जारी किया और मामले की तारीख 26 जुलाई तय की।
इस बीच, कोर्ट ने राज्य से एक स्टेस रिपोर्ट / जवाब दाखिल करने को कहा है। हालांकि रोहित को कोई अंतरिम राहत नहीं दी गई है।
याचिकाकर्ता के इस अनुरोध पर कि अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने का उसका अधिकार, जब और जब ऐसा सलाह दी जाए, संरक्षित किया जा सकता है, अदालत ने कहा कि इस अनुरोध पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अधिकार हमेशा खुला रहता है।
याचिकाकर्ता के लिए वकील: एडवोकेट मोहित माथुर, प्रीतम विश्वास, निशांत कुमार, किशले झा और हर्ष गौतम
प्रतिवादियों के लिए वकील: मीनाक्षी चौहान, एसीपी के साथ एसीपी प्रज्ञा आनंद और इंस्पेक्टर परवेश कौशिक, पीएस सदर बाजार संजय जैन, एएसजी (राज्य के लिए विशेष वकील)। शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट कपिल सांकला, प्रशांत सिंह, संजय वशिष्ठ एवं अखिलेश अग्रवाल।
केस टाइटल: रोहित जोशी बनाम राज्य (दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) एंड अन्य
केस नंबर: सीआरएल.एम.सी. 2316/2022
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