दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के रूप में मनाने की AWBI की अधिसूचना वापस लेने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार किया

Update: 2023-03-03 13:06 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) द्वारा 14 फरवरी को "काउ हग डे" के रूप में मनाने के लिए जारी अधिसूचना को वापस लेने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि AWBI द्वारा किसी भी कार्यक्रम का जश्न बोर्ड और सरकार की नीति के दायरे में आता है, जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत एक याचिका में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

बोर्ड की ओर से 06 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। हालांकि बाद में 10 फरवरी को इसे वापस ले लिया गया।

याचिका कोलिसेटी शिव कुमार ने दायर की थी, जिन्होंने कहा था कि वह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के पूर्व सदस्य और हैदराबाद में एक आध्यात्मिक संगठन के अध्यक्ष हैं।

जस्टिस सिंह ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा,

"एडब्ल्यूबीआई द्वारा किसी भी कार्यक्रम का जश्न स्पष्ट रूप से बोर्ड और सरकार की नीति के दायरे में है। अनुच्छेद 226 के तहत एक याचिका में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।”

सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा: "अदालत उन्हें कैसे कह सकती है कि आप किसी विशेष दिन गाय हग डे मनाते हैं?"

याचिका में कुमार ने कहा कि अधिसूचना सक्षम प्राधिकारी की विधिवत स्वीकृति और पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जारी की गई थी। हालांकि, यह प्रस्तुत किया गया कि बोर्ड ने बिना कोई वैध कारण बताए इसे वापस ले लिया।

"याचिकाकर्ता और इसी तरह के व्यक्तियों, संगठनों द्वारा कई अभ्यावेदन के बाद भारत संघ ने 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के रूप में घोषित किया, ताकि भारतीय गायों और जानवरों के साथ दोस्ती की आवश्यकता का प्रचार किया जा सके। इस पहल को देश के विभिन्न वर्गों ने खूब सराहा।'

केस टाइटल : कोलिसेटी शिव कुमार बनाम भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और अन्य

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