AAP मीडिया समन्वयक को हाईकोर्ट से राहत: पत्रकार से विवाद मामले में FIR रद्द, 25,000 का जुर्माना

Update: 2025-09-30 07:41 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के मीडिया समन्वयक विकास कुमार योगी के खिलाफ महिला पत्रकार के साथ कथित हाथापाई और दुर्व्यवहार के मामले में दर्ज FIR रद्द की। यह फैसला तब आया जब दोनों पक्षकारों ने अदालत को सूचित किया कि उनके बीच सौहार्दपूर्ण समझौता हो गया।

जस्टिस अमित महाजन की पीठ ने FIR रद्द करते हुए कहा कि इस विवाद को बनाए रखने का कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा और कार्यवाही जारी रखना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग माना जाएगा।

हालांकि, कोर्ट ने यह देखते हुए कि इस मामले में राजकीय मशीनरी का इस्तेमाल हुआ था, योगी पर 25,000 का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि यह राशि आठ सप्ताह के भीतर दिल्ली पुलिस शहीद कोष (Delhi Police Martyrs' Fund) में जमा की जाएगी। कोर्ट ने योगी की वह याचिका स्वीकार की, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं (323, 341, 506, 509, 427, 149 और 34) के तहत दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई थी।

शिकायतकर्ता एक न्यूज़ चैनल में सीनियर रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले साल मई में जब वह कथित विदेशी फंडिंग से जुड़ी खबर कवर करने के लिए AAP कार्यालय पहुंची थीं, तब योगी उनकी ओर दौड़े और उन्हें धमकाने वाले लहजे में बहस करने लगे। आरोप था कि योगी के इशारे पर AAP कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उनका कैमरा छीनने की कोशिश की, महिला पत्रकार और कैमरामैन को घेर लिया अपमानजनक नारे लगाए और उन्हें परिसर के गेट की ओर धकेल दिया।

इस घटना के बाद AAP के केयरटेकर द्वारा भी पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया। हालांकि, बाद में दोनों पक्षकारों के बीच मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझ जाने के बाद उस केस को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।

योगी ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया कि उन्होंने जून में बिना किसी दबाव के पत्रकार से बिना शर्त माफी मांग ली है। भविष्य में इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल न होने का वचन दिया। पत्रकार ने भी कोर्ट को बताया कि उन्हें योगी से कोई शिकायत नहीं है और वह उनकी माफी से संतुष्ट हैं। उन्होंने FIR से जुड़ी किसी भी कार्यवाही को आगे न बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की और इसे पूरी तरह रद्द करने पर सहमति दी।

कोर्ट ने समझौता स्वीकार करते हुए FIR नंबर 168/2024 और उससे उत्पन्न होने वाली सभी परिणामी कार्यवाही रद्द करने का आदेश दिया।

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