दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता की याचिका पर 60 साल पुराने पीपल के पेड़ की कटाई पर रोक लगाई

Update: 2021-11-01 07:12 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन की एक पत्र याचिका पर शहर के इंद्रपुरी इलाके में 60 साल पुराने पीपल के पेड़ की कटाई पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर याचिका की जांच किए बिना पेड़ को काटने की अनुमति दी गई तो न केवल पर्यावरण को बल्कि इलाके के निवासियों को भी अपूरणीय क्षति होगी।

हरिहरन ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कहा कि उन्हें उसी दिन पता चला कि उनके आवास के पास 60 साल पुराने पीपल के पेड़ को अवैध रूप से काटा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारियों द्वारा शुरू की गई कार्रवाई किसी भी वैध आदेश के तहत नहीं हो रही है।

तदनुसार, उन्होंने प्रार्थना की कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दिल्ली पुलिस और उप वन संरक्षक कार्यालय को उक्त पेड़ को काटने से रोका जाए।

वहीं दूसरी ओर एनडीएमसी की ओर से पेश अधिवक्ता अभिनव एस अग्रवाल ने कहा कि उनके निर्देशानुसार उप वन संरक्षक कार्यालय द्वारा उक्त पेड़ को स्थानांतरित करने की अनुमति देते हुए एक आदेश पारित किया गया था। हालांकि, वह इस आदेश का ब्योरा नहीं दे सके।

इसी तरह, दिल्ली पुलिस और उप वन संरक्षक का कार्यालय भी आदेश के बारे में न्यायालय को सूचित करने में असमर्थ रहे।

इस पर कोर्ट ने कहा,

"अगली तारीख तक एनडीएमसी, दिल्ली पुलिस और उप वन संरक्षक का कार्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि हाउस नंबर ए -7, इंद्रपुरी, नई दिल्ली के बाहर स्थित उपरोक्त पेड़ को हटाया या किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।"

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नियमों के मुताबिक औपचारिक याचिका दायर करने के लिए नौ नवंबर तक का समय दिया।

इसके बाद मामले को 11 नवंबर को रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।

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