आरटीआई के तहत पत्नी को पासपोर्ट ऑफ़िस से पति के बारे में जानकारी देने के सीआईसी के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई

Update: 2020-06-29 13:48 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत एक पत्नी के आरटीआई के माध्यम से अपने पति के बारे में जानकारी देने के आवेदन पर पासपोर्ट ऑफिस के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी को उक्त जानकारी देने के निर्देश दिए गए थे।

एकल जज नवीन चावला की पीठ ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक इस आदेश पर रोक जारी रहेगी।

विदेश मामलों के मंत्रालय ने 15/05/20 को जारी सीआईसी के आदेश के ख़िलाफ़ रिट याचिका दायर की थी। इस आदेश में आरटीआई आवेदन पर तीसरे पक्ष की सूचना देने को कहा गया था।

याचिका में कहा गया,

"अदालत को यह तय करना है कि किसी पासपोर्ट आवेदक ने पासपोर्ट आवेदन फ़ॉर्म के साथ-साथ जो सूचना/दस्तावेज़ जमा करवाए हैं और जो निजी प्रकृति की हैं और किसी तीसरे पक्ष की है, क्या उनके बारे में आरटीआई के माध्यम से सूचना सार्वजनिक की जा सकती है या नहीं? या आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(j) के तहत ऐसा करने की छूट है।"

सुनवाई में याचिकाकर्ता ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसलों का हवाला दिया और कहा कि इन फ़ैसलों में अदालत ने कहा है कि पासपोर्ट जारी करने के लिए जमा किए गए दस्तावेज और दी गई सूचनाओं के बारे में आरटीआई आवेदनकर्ता को नहीं बताया जा सकता।

इस मामले में प्रतिवादी ने पासपोर्ट ऑफ़िस से अपने और अपने पति के बारे में जानकारियाँ मांगी थीं। प्रतिवादी पत्नी और उसके पति के बीच इस समय वैवाहिक विवाद चल रहा है।

पासपोर्ट ऑफ़िस के सीपीआईओ ने प्रतिवादी की सूचनाएं उसे दे दी पर उसके पति के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया। इस पर पत्नी ने प्रथम अपीलीय अथॉरिटी के समक्ष अपील की।

इसके बाद प्रतिवादी ने सीआईसी में अपील की जहां उसके पक्ष में आदेश दिया गया और सीपीआईओ को उसके पति के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया गया। याचिकाकर्ता ने इस रिट याचिका में सीपीआईओ के इस आदेश को चुनौती दी है।

इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी। इस मामले में याचिकाकर्ता की पैरवी पी रॉय चौधरी ने की।

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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