CLAT 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने घर पर आधारित परीक्षा कराने से इनकार किया

Update: 2020-09-16 13:30 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें CLAT 2020 के लिए घर पर आधारित परीक्षा करवाए जाने की मांग की थी।

याचिका को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने कहा कि लगभग 78,000 उम्मीदवारों के लिए घर पर आधारित परीक्षा करवाना उपयुक्त नहीं हो सकता हैं।

अदालत ने आगे यह भी कहा कि उम्मीदवारों /कोचिंग सेंटरों द्वारा परीक्षा में छेड़छाड़ किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

यह आदेश उस याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि  CLAT 2020 परीक्षा के लिए कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा अधिसूचना को रद्द किया जाए। इस अधिसूचना के तहत याचिकाकर्ता को निर्देश दिया गया है कि वह परीक्षा केंद्र पर फिजिकली तौर पर उपस्थित होकर अपनी परीक्षा दें।

याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि वह अस्थमा से पीड़ित है और इसलिए वह ऐसे व्यक्तियों की अतिसंवेदनशील श्रेणी में आता है,जिन्हें वर्तमान में सरकार ने बाहर न जाने की सलाह दी है।

दूसरी ओर, प्रतिवादियों ने दलील दी कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 06 जुलाई 2020 को विश्वविद्यालयों, IIT-JEE, NEET आदि को निर्देश दिए थे कि वह फाइनल टर्म की परीक्षाएं फिजिकल टेस्ट सेंटर पर आयोजित करवाएं। यह निर्देश CLAT 2020 के संचालन को भी कवर करते हैं।

प्रतिवादियों ने आगे यह भी प्रस्तुत किया कि यदि कुछ क्षेत्रों में आवाजाही पर प्रतिबंध है, तो उम्मीदवारों को जारी किए गए एडमिट /पहचान पत्र को छात्रों की आवाजाही के पास के तौर पर माना जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकारें सभी स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश जारी करेंगी कि वे परीक्षा के संचालन में लगे निरीक्षकों और सभी कर्मियों को आवाजाही के लिए पास जारी करें।

प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि,'सभी सावधानी बरती जाएंगी यानी पूरे परीक्षा केंद्र के कीटाणुशोधन के लिए कदम उठाए जाएंगे, एंट्री गेट,परीक्षा कक्ष व स्टाफ रूम में सेनिटाइजर रखा जाएगा। वहीं उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठाते समय उचित सोशल डिस्टिेंसिंग सुनिश्चित की जाएगी। प्रवेश द्वार पर सभी संबंधित व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग आदि की जाएगी।'

इन दलीलों को देखने के बाद , अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता की दलीलों को गलत तरीके से पेश किया गया है। इसलिए यह दलीलें परीक्षा को स्थगित करने या परीक्षा के मोड को बदलने का आधार नहीं हो सकती हैं।

आदेश की काॅपी डाउनलोड करें।



Tags:    

Similar News