गार्गी कॉलेज में यौन उत्पीड़न की घटना के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किए

Update: 2020-02-17 08:10 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गार्गी कॉलेज के परिसर के भीतर छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के कथित मामलों पर सीबीआई जांच की मांग करने वाली अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार, सीबीआई और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए हैं।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरि शंकर की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को तय की है।

अधिवक्ता एमएल शर्मा ने गार्गी कॉलेज के वार्षिक उत्सव 'रेवेरी 2020' के दौरान गार्गी कॉलेज के परिसर के अंदर 6 फरवरी को हुई छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करके मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया था कि वार्षिक कॉलेज फंक्शन के दौरान मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों की एक भीड़ ने बिना किसी पहचान पत्र के परिसर में ज़बरदस्ती प्रवेश किया और लड़कियों को कई घंटों तक परेशान किया। कई शिकायतों के बावजूद न तो कॉलेज प्रशासन और न ही प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारियों ने इन घुसपैठियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की।

याचिका में कहा गया कि तथ्यों को देखते हुए यह लगता है कि दिल्ली चुनाव में एक राजनीतिक पार्टी द्वारा लोगों के वोट को प्रभावित करने के लिए एक योजनाबद्ध राजनीतिक और आपराधिक साजिश रची गई।

याचिका में दावा किया गया था कि जैसा कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र प्रतीत होता है, इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जानी चाहिए ताकि आरोपी व्यक्तियों का पता लगाया जा सके, उनका खुलासा किया जा सके और मुकदमा चलाया जा सके।

पुलिस अधिकारियों और राज्य अधिकारियों की ओर से इस मामले में कार्रवाई न करने की आलोचना की गई है। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो इस घटना के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा देती है और इसलिए, "न्याय के हित में इस माननीय न्यायालय को सैकड़ों छात्राओं की सुरक्षा करने और उन्हें न्याय प्रदान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। 

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