दिल्ली हाईकोर्ट ने समान सेक्स जोड़ों के लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह समानता की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2020-11-19 09:28 GMT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत समान लिंग वाले जोड़ों (same-sex couples) के विवाह के पंजीकरण की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।

जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की डिवीजन बेंच ने भारत संघ को नोटिस जारी किया है, जिसमें यूनियन ऑफ इंडिया को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

यह आदेश अभिजीत अय्यर मित्रा द्वारा दायर याचिका में आया है, जिसमें मांग की गई है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत LGBTQIA जोड़ों के विवाह के पंजीकरण को अनुमति दी जाए।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा लिंग-तटस्थ है और यह स्पष्ट रूप से समलैंगिक जोड़ों के विवाह पर प्रतिबंध नहीं लगाती है।

इसलिए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि किसी भी स्पष्ट प्रतिबंध के अभाव में समलैंगिक जोड़ों के विवाह को हिंदू विवाह अधिनियम और साथ ही विदेशी विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

नोटिस जारी करते हुए अदालत ने कहा कि एक समान मामला पहले से ही लंबित है, जो विशेष विवाह अधिनियम के तहत समान लिंग वाले जोड़ों के लिए विवाह समानता चाहता है।

इसलिए अदालत अब 14 जनवरी को दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई करेगी।

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