सीनियर सिटीजन की COVID19 महामारी से सुरक्षा करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
सीनियर सिटीजन को COVID 19 महामारी से सुरक्षा करने की मांग संबंधी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जलान की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को इस याचिका पर नोटिस जारी किया।
याचिका गौरव गंभीर ने दायर की है जिन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि वह केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर
सीनियर सिटीजन (बुजुर्गों) को बैंक, स्वास्थ्य, किराना और अन्य ज़रूरी सुविधाएं उनके दरवाज़े तक उपलब्ध कराने का निर्देश दे और उनकी स्वास्थ्य इमर्जन्सी को देखते हुए उनके लिए विशेष अस्पताल/क्लीनिक आवंटित करे।
ऐसे बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए व्यापक दिशानिर्देश की मांग इस याचिका में अदालत से की गई है, जिन्हें COVID 19 से ज़्यादा ख़तरा है । याचिका में कहा गया है कि बुजुर्गों की शुरुआत में ही जांच करायी जाए और उनको हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से इमेरजेंसी मदद दिलायी जाए।
याचिका में मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर कहा गया है कि शरीर में इम्यूनिटी का स्तर कम होने और अन्य बीमारियों की वजह से बुजुर्गों के इस वायरस से ग्रस्त हो जाने की आशंका ज़्यादा है।
याचिका के अनुसार,
"इनमें से कई बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं और उनके बच्चे विदेश में हैं और इस मुश्किल घड़ी में यहां उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। कई लोग चल फिर नहीं पाते और खाना नहीं बना पाते। कुछ मामलों में तो उनके बच्चे उसी शहर में रहते हुए भी लॉकडाउन के कारण अपने मां-बाप की मदद नहीं कर सकते।"
याचिका में कह गया है कि बीमार बुजुर्गों को मदद पहुंचाने का एक तरीक़ा यह है कि उन्हें पूरी तरह अलग रखा जाए और उन्हें ज़रूरत की सभी सुविधाएं उनके दरवाज़े पर उपलब्ध कराया जाए।