दिल्ली सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (एफआईआर संख्या 59/2020) द्वारा दिल्ली दंगों के पीछे आपराधिक साजिश रचने के आरोप में खालिद को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज एक मामले में 13/14 सितंबर की रात को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगों को खालिद द्वारा प्रायोजित सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़ा हुआ था।
UAPA अधिनियम की धारा 45 के अनुसार, कोई भी अदालत केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी या इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी अधिकारी के बिना (i) अध्याय III के तहत किसी भी अपराध का संज्ञान नहीं लेगी; (ii) केंद्र सरकार की पूर्व मंजूूरी के बिना अध्याय IV और VI के तहत या जैसा भी मामला हो, राज्य सरकार और जहां केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना संज्ञान नहीं लेगी।
गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धारा 13 के तहत खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत है और धारा 16 (आतंकवादी गतिविधियां), धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना) और धारा 18 (साजिश) के तहत मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि
हमें उमर खालिद के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज एक मामले में अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। हमें दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय दोनों से स्वीकृति प्राप्त हुई है।