COVID 19 : मद्रास हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ राजनीतिक दलों, एनजीओ और लोगों को ग़रीबों में राहत सामग्री बांटने की अनुमति दी

Update: 2020-04-18 04:45 GMT

Madras High Court

COVID 19 महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण मुश्किल में फंसे लोगों में राजनीतिक पार्टियों, एनजीओ और निजी तौर पर लोगों को राहत सामग्रियों के वितरित करने की अनुमति दे दी है।

यह निर्देश न्यायमूर्ति आर सुबैया और न्यायमूर्ति आर पोंगीयप्पन की पीठ ने तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (डीएमके) की याचिका पर यह फ़ैसला दिया है। पार्टी ने इस याचका द्वारा सरकार के सूचना और जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि राहत पहुंचाने वालों को ज़िला कार्यालय से अनुमति लेनी होगी।

इस विज्ञप्ति में कहा गया था कि बांटी जाने वाली वस्तुओं को निगम आयुक्त या ब्लॉक प्रमुख के पास जमा कराना होगा।

महाधिवक्ता ने अपनी दलील में कहा,

"राहत बाँटने से पहले इसकी ज़िला कार्यालय से इसकी अनुमति लेने के आदेश में मुझे कुछ भी गलत नहीं लग रहा है, लेकिन खाद्य सामग्रियों को आयुक्त के पास जमा कराने वाली बात तर्क से परे है। महाधिवक्ता ने यह कहा कि अमूमन खाद्य वस्तुओं के बंटवारे के समय भारी भीड़ जमा हो जाती है और इससे संक्रमण के फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है।"

अदालत ने कहा कि खाद्य वस्तुओं को बंटवारे के लिए आयुक्त के पास जमा कराने और सरकार की अन्य बातों का 'आधार पुख़्ता'नहीं है, इसलिए खाद्य वस्तुओं के बंटवारे के बारे में इस तरह के निर्देश दिए जा रहे हैं -

याचिकाकर्ता संगठन और इसी तरह के ग़ैरसरकारी संगठन या कोई व्यक्ति ज़िला कार्यालय को खाद्य वस्तुओं के बंटवारे के बारे में 48 घंटे पहले बताएंगे।

इस तरह की सूचना मिलने के बाद संबंधित खाद्य सुरक्षा अधिकारी उस जगह की जांच करेगा जहां खाद्य वस्तुओं का वितरण होना है, ताकि इसका वितरण करने वाले लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता चल सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन का बंटवारा हो। अगर सारी व्यवस्था खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मनोनुकूल है तो याचिकाकर्ता पार्टी राहत सामग्रियों का बंटवारा कर सकते हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि राहत सामग्रियों का वितरण शहर के निगम और ग्रामीण इलाक़ों में थाना क्षेत्र की सीमा के भीतर ही होना चाहिए। पर जिस क्षेत्र को हॉट स्पॉट घोषित किया जा चुका है वहाँ इस तरह का वितरण नहीं किया जा सकता।

भोजन सामग्रियों का वितरण दिए गए समय में पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो ज़िला अथॉरिटीज़ इसे एक-दो घंटे बढ़ा सकती है।

जहां पर भोजन सामग्री का वितरण होना है उस जगह को वितरण से पहले सैनिटाइज किया जाना ज़रूरी है।

राहत प्राप्त करने वाले लोगों में व्यवस्था क़ायम करने के लिए राज्य वहाँ पुलिसकर्मियों की तैनाती कर सकता है।

राज्य सरकार ड्राइवर के अलावा तीन आयोजकों, एक चुने हुए प्रतिनिधि को वितरण स्थल पर मौजूद रहने की अनुमति होगी।

एक वाहन में तीन से ज़्यादा लोग खाद्य सामग्री लेकर नहीं जाएंगे और सारे लोग बचाव संबंधी सरकारी निर्देशों का पालन करेंगे।

खाद्य वस्तुओं के वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग का सख़्ती से पालन किया जाएगा।

खाद्य वितरण सुनिश्चित करने को लेकर अगर ज़िला अथॉरिटीज़ को ज़रूरी लगता है तो नियमों के अंदर रहते हुए वह अन्य प्रतिबंध भी लगा सकता है।

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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