महीने में केवल 30 मिनट के लिए बच्चे से मुलाक़ात का अधिकार अपर्याप्त: दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2021-12-18 16:22 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि माता-पिता को एक महीने में केवल तीस मिनट के बच्चे से मुलाक़ात का अधिकार अपर्याप्त है।

जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने कहा,

"अपीलकर्ता पिता की शिकायत यह है कि फैमिली कोर्ट ने दो जुड़वां बच्चों के संबंध में प्रति माह केवल 30 मिनट ऑडियो-विजुअल एक्सेस की अनुमति दी है। दोनों बच्चें ढाई साल की उम्र के हैं। उनके लिए मुलाकात का उक्त समय पूरी तरह से अपर्याप्त है। प्रथम दृष्टया हम अपीलकर्ता की इस शिकायत से सहमत हैं।"

हाईकोर्ट ने यह निर्देश सम्राट सिंह रावत द्वारा व्यक्तिगत रूप से पेश की गई अपील पर सुनवाई के दौरान दिया। सम्राट सिंह रावत फैमिली कोर्ट के पूर्वोक्त आदेश से व्यथित है। उसने बताया कि उसके जुड़वां बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की। हालांकि, फैमिली कोर्ट ने एक महीने में केवल 30 मिनट के ऑडियो-विजुअल मुलाक़ात की अनुमति दी है।

इस दलील से सहमत होते हुए कि फैमिली कोर्ट द्वारा मुलाक़ात के लिए दिया गया समय कम है, हाईकोर्ट ने बच्चों की मां प्रतिवादी पूनम रावत को नोटिस जारी किया।

अगली सुनवाई के लिए मामला अब 11 जनवरी को सूचीबद्ध किया गया।

केस शीर्षक: सम्राट सिंह रावत बनाम पूनम रावत

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