केंद्र ने लोकसभा में बताया: RTI कानून के तहत पीएम केयर्स फंड एक 'पब्लिक अथॉरिटी' नहीं
केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने लोकसभा में कहा है कि प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपात स्थिति में राहत कोष (पीएम केयर्स फंड), हालांकि केंद्र सरकार द्वारा धारा 2 (एच) के तहत बनाया गया है, मगर यह सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है।
महाराष्ट्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से के सांसद सुनील दत्तात्रय तटकरे द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर के रूप में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा यह जानकारी दी गई थी।
सांसद ने पूछा था:
"क्या यह तथ्य है कि मंत्रालय के अनुसार निधि 27 मार्च, 2020 को केंद्र सरकार द्वारा स्थापित की गई थी, इस प्रकार यह आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2 (एच) के दायरे में एक सार्वजनिक प्राधिकरण बना और यदि ऐसा है, तो उसके विवरण कहां है?"
इसके जवाब में मंत्री ने कहा: "नो सर।"
राकांपा सांसद ने आगे कहा, "26 मई 2020 को दो महीने बाद कंपनी अधिनियम को पूर्वव्यापी रूप से संशोधित करने के कारण, प्रभावी रूप से पीएम-केयर्स फंड पर एमसीए की घोषित स्थिति और किसी सार्वजनिक प्राधिकरण के पीएम-केयर्स को मुक्त करने के लिए अनुसूची सातवीं के संशोधन को प्रभावी ढंग से रद्द करना है।"
इस प्रश्न पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया थी:
"28.03.2020 को मंत्रालय ने अवगत कराया कि PM CARES फंड में किया गया योगदान कंपनी अधिनियम, 2013 और उसके बाद CSR गतिविधि के रूप में पात्र होगा, इस आशय का एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।"
मई में प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह कहते हुए पीएम केयर्स फंड से संबंधित जानकारी को देने से इनकार कर दिया था कि यह एक 'निजी प्राधिकरण' नहीं था।
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका लंबित है जिसमें घोषणा की गई है कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई अधिनियम के तहत आता है।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष में फंड ट्रांसफर करने की याचिका ठुकरा दी थी। शीर्ष अदालत ने आगे कहा था कि पीएम केयर्स एक ट्रस्ट था जिसके लिए CAG ऑडिट आवश्यक नहीं था।
पीएम केयर्स फंड 28 मार्च 2020 को बनाया गया था, "किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ, जैसे COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न हुई है।"
प्रधानमंत्री मोदी पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष और रक्षा मंत्री, गृह मामलों के मंत्री और वित्त मंत्री भारत सरकार निधि के पदेन न्यासी होते हैं।f