6.3 लाख अदालती मामलों में केंद्र सरकार पक्षकार बनी; पिछले पांच सालों में मुकदमेबाजी पर 272 करोड़ रुपए खर्च किए: कानून मंत्रालय
भारतीय संसद के 2023 मानसून सत्र के दूसरे दिन, लोकसभा सांसद दुष्यंत सिंह ने केंद्र सरकार से जुड़े मामलों को लेकर सवाल उठाए।
उन्होंने निम्नलिखित प्रश्नों के जवाब मांगे:
(ए) ऐसे मामलों का कुल प्रतिशत जिसमें सरकार एक पक्षकार के रूप में शामिल है;
(बी) इन सभी मामलों पर व्यय, वर्ष और प्रकार के अनुसार श्रेणियां;
(सी) इन मामलों की प्रकृति और वे अदालतें जहां वे केंद्रित हैं और उनमें शामिल विशिष्ट सरकारी विभाग, वर्ष-वार;
(डी) अदालतों में अपील किए गए सेवा मामलों की संख्या जिनमें संवैधानिक अस्पष्टता का मामला शामिल नहीं था; (ई) राष्ट्रीय मुकदमेबाजी नीति पर स्थिति; और
(च) क्या सरकार इसे फिर से प्रारूपित/अद्यतन करने का इरादा रखती है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
कानून और न्याय मंत्रालय ने जवाब दिया कि सरकार द्वारा अपेक्षित डेटा को ऊपर मांगे गए तरीके से बनाए नहीं रखा जाता है। हालांकि कानूनी सूचना प्रबंधन और ब्रीफिंग सिस्टम (एलआईएमबीएस) पोर्टल के अनुसार, वर्तमान में विभिन्न अदालतों में सरकार से जुड़े 6,36,605 मामले लंबित हैं।
संलग्न परिशिष्ट के अनुसार पिछले पांच वित्तीय वर्षों में मुकदमेबाजी पर सरकारी व्यय कुल ₹272,01,21,567 है।