'कह नहीं सकते कि उन्होंने प्रयागराज हिंसा में मदद की थी', इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी जावेद को जमानत दी

Update: 2023-01-30 14:46 GMT

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद को जमानत दे दी। वह जून 2022 के प्रयागराज हिंसा मामले में मुख्य आरोपी हैं। उन पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया है, जिसने कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस वाहनों को आग लगा दी।

जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि एफआईआर और जांच के दरमियान दर्ज किए गए अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक सहित सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सामान्य आरोप लगाए गए थे।

कोर्ट ने मामले को जमानत के लिए एक उपयुक्त मामला पाते हुए कहा,

"न तो एफआईआर में और न ही जांच के दरमियान दर्ज किए गए अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में यह आरोप लगाया गया है कि आवेदक या तो लोगों को भड़का रहा था या भीड़ का नेतृत्व कर रहा था या उसके हाथ में कोई हथियार था या वह बम फेंक रहा था या वाहनों में आग लगा रहा था।"

मामले में आरोप है कि 10 जून 2022 को शुक्रवार की नमाज के बाद हजारों लोगों की उग्र भीड़ ने पुलिसकर्मियों और राहगीरों पर पथराव और बम फेंकना शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस कर्मचारियों के मोबाइल छीनने की कोशिश की और पथराव भी किया।

आरोपों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए जवानों पर पथराव शुरू किया था, जिसके बाद विरोध हिंसक हो गया और जब रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी (PAC) ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, प्रदर्शनकारियों की ओर से किए जा रहे पथराव में कुछ कर्मी घायल हो गए। विरोध प्रदर्शन के दरमियान पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

राज्य पुलिस ने आरोप लगाया कि मोहम्मद ने पैगंबर मोहम्मद पर एक भाजपा नेता के विवादास्पद बयानों के खिलाफ विरोध का आह्वान किया था।

उसके खिलाफ धारा 143, 144, 145, 147, 148, 149, 153-ए, 153-बी, 295ए, 307, 332, 336, 353, 435, 427, 504, 505(2), 506, 120-बी आईपीसी, 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत चालान किया गया, लेकिन धारा 307 आईपीसी और 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अपराध को छोड़कर धारा 143, 144, 145, 147, 148, 336, 435, 427, 504 के तहत अपराध जमानती हैं।

हालांकि, अदालत ने अभियुक्त के इस बयान को ध्यान में रखा कि उसने लोगों को बम फेंकने और पथराव करने का निर्देश नहीं दिया था, लेकिन जब भीड़ इकट्ठी हो गई तो वह अनियंत्रित हो गई और उसके बाद वह खुद किसी तरह मौके से भागने में सफल रहा।

कोर्ट ने यह भी कहा कि हालांकि पुलिस के सामने दर्ज किए गए आरोपी व्यक्तियों के बयान स्वीकार्य नहीं हैं, हालांकि, जैसा कि कल्याण चंद्र सरकार बनाम राजेश रंजन @ पप्पू यादव और अन्य 2004 (7) SCC 528 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, जमानत अर्जी का निर्णय करते समय उसी पर विचार किया जा सकता है।

नतीजतन, अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों और जांच के दरमियान दर्ज किए गए आवेदक और अन्य अभियुक्तों के बयानों सहित रिकॉर्ड पर उपलब्ध पूरे साक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह भीड़ की हिंसा का मामला था और इस स्तर पर, यह नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक इस तरह की हिंसा के लिए सहायक था और केवल यह कहा जा सकता है कि वह लोगों के इतने बड़े जमावड़े के लिए सहायक था। कोर्ट ने कहा कि वह जून 2022 से जेल में है।

न्यायालय ने यह भी कहा कि सभी अपराधों में अधिकतम सजा या तो तीन साल या सात साल है और ऐसा कोई आरोप नहीं है कि आवेदक के पास या तो कोई बम था या उसने कोई बम फेंका या उसने पुलिस कर्मियों को कोई चोट पहुंचाई, इसलिए केवल चार्जशीट में धारा 307 आईपीसी और 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अस्तित्व के आधार पर उसे जमानत से वंचित नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक की आक्रामकता और सक्रियता के कारण, उसके समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए और उसके बाद भीड़ ने हिंसा की, हालांकि, आवेदक इस तरह की हिंसा में शामिल नहीं दिखता है।

अंत में, अदालत ने कहा कि एफआईआर में मोहम्मद सहित कुल 14 व्यक्तियों को नामित किया गया था और ऐसे कई आरोपी व्यक्तियों को पहले ही इस न्यायालय की समन्वय पीठ द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया है और एफआईआर में लगाए गए आरोप के अनुसार और जांच के दौरान दर्ज किए गए अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में आवेदक का मामला भी इन आरोपी व्यक्तियों के बराबर है। इसी के साथ उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई।

गौरतलब है कि इस घटना के बाद स्थानीय अधिकारियों ने जावेद के घर को तोड़ दिया था। इसके बाद, 12 जून को जिला प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा उनके घर को गिराए जाने के खिलाफ पत्नी जावेद मोहम्मद द्वारा याचिका दायर की गई थी।

केस टाइटलः जावेद मोहम्मद @ पम्प बनाम यूपी राज्य [2022 की आपराधिक विविध जमानत आवेदन संख्या 53834]

केस साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एबी) 43

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