'मांस की अनिधिकृत बिक्री की संभावना के आधार पर मांस की दुकान के लिए एनओसी देने से इनकार नहीं किया जा सकता': इलाहाबाद हाईकोर्ट

Update: 2023-09-02 05:51 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मांस की अनिधिकृत बिक्री की संभावना खुदरा मांस की दुकान के लिए 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' (एनओसी) देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं।

जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मनीष कुमार की खंडपीठ ने पुलिस सुपरिटेंडेंट, अंबेडकर नगर, को खुदरा मांस की दुकान खोलने के लिए एनओसी देने के लिए मोहम्मद शकील द्वारा दायर आवेदन पर पुनर्विचार करने और नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया।

मूलतः मांस की दुकान खोलने के लिए याचिकाकर्ता का आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पुलिस द्वारा अनुकूल रिपोर्ट नहीं दी गई। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया कि याचिकाकर्ता की दुकान में अनिधिकृत रूप से मांस की बिक्री होने की आशंका है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चूंकि याचिकाकर्ता की मांस की दुकान मिश्रित आबादी में है और मस्जिद से 50 मीटर और मंदिर से 150 मीटर की दूरी पर है, इसलिए सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है। अपने आवेदन की अस्वीकृति को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया।

खंडपीठ ने कहा कि जहां तक मांस की अनिधिकृत बिक्री के संबंध में अस्वीकृति के आधार का सवाल है, यह बिल्कुल अनुमानात्मक प्रकृति का है। यह याचिकाकर्ता को एनओसी देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता।

कोर्ट ने कहा,

"अगर मांस की अनिधिकृत बिक्री पाई जाती है तो एनओसी' देने वाला प्राधिकारी हमेशा कानून के अनुसार कार्रवाई करने में सक्षम है।"

जहां तक दुकान के स्थान का सवाल है, अदालत ने कहा कि तीन और दुकानों के पास एनओसी है। राज्य सरकार के हलफनामे में भी कहा गया है कि उपरोक्त तीन दुकानों के 50 मीटर के दायरे में कोई धार्मिक स्थान नहीं है।

कोर्ट ने कहा,

"वर्तमान मांस की दुकान से मस्जिद की दूरी 50 मीटर है और मंदिर 150 मीटर की दूरी पर है। इस प्रकार, वर्तमान दुकान से 50 मीटर के दायरे में कोई धार्मिक स्थान नहीं है। इसलिए याचिकाकर्ता को 'एनओसी' देने से मना करने का कोई कारण नहीं है।"

कोर्ट ने संबंधित एसपी को मामले में नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया और रिट याचिका स्वीकार कर ली।

केस टाइटल- मो. शकील बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के माध्यम से. प्रिं. सचिव. खाद्य एवं आपूर्ति सिविल सचिवालय। अपर, लको. और अन्य [WRIT - C No. - 5534/2023]

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