कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के नामखाना बलात्कार मामले में आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन को जांच की निगरानी करने के आदेश दिए
कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन को नामखाना बलात्कार मामले (Namkhana Rape Case) की जांच की निगरानी करने के लिए कहा, जिसमें पश्चिम बंगाल के नामखाना गांव में आठ अप्रैल को पांच पुरुषों द्वारा एक 40 वर्षीय महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था और पीड़िता के गुप्तांगों में मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने का प्रयास भी किया गया था।
आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन, जो अब कलकत्ता पुलिस के विशेष आयुक्त हैं, एक दशक पहले हुए पार्क स्ट्रीट सामूहिक बलात्कार मामले के दौरान कलकत्ता पुलिस के खुफिया प्रमुख थीं। वह घटना की जांच अधिकारी थीं।
कोर्ट ने इससे पहले आईपीएस अधिकारी को देगंगा, मटिया, इंग्रेजबाजार और बंशद्रोनी में हाल के 4 अन्य बलात्कार मामलों की जांच की निगरानी करने का भी निर्देश दिया था।
बलात्कार मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर फैसला सुनाते हुए यह निर्देश जारी किया गया है।
अदालत ने सुनवाई की अंतिम तिथि पर राज्य सरकार को मामलों की जांच की स्थिति से संबंधित एक रिपोर्ट और सुनवाई की अगली तारीख पर केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने शुक्रवार को बलात्कार मामले की जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट और केस डायरी को रिकॉर्ड में लिया।
कोर्ट ने केस डायरी और स्टेटस रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर निर्देश दिया,
"केस डायरी की जांच करने और हलफनामे के रूप में रिपोर्ट पर विचार करने और लगाए गए आरोपों और जांच की प्रगति को ध्यान में रखते हुए, हम यह उचित समझते हैं कि इस मामले में जांच विशेष आयुक्त दमयंती सेन की देखरेख में की जाए।"
अदालत ने हालांकि कहा कि अगर आईपीएस अधिकारी को जांच की निगरानी में कोई कठिनाई होती है, तो वह सुनवाई की अगली तारीख को अदालत को सूचित करने के लिए स्वतंत्र होगी जो 1 सप्ताह के बाद होने वाली है।
अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि उसने सीबीआई जांच के लिए याचिकाकर्ताओं की प्रार्थना को खारिज नहीं किया है और यदि यह पाया जाता है कि जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं की जा रही है, तो सीबीआई जांच की प्रार्थना पर देर से विचार किया जाएगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारियों को पीड़िता, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य गवाहों को पूरी सुरक्षा देनी चाहिए।
केस का शीर्षक: पल्लबी चटर्जी एंड अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एंड अन्य जुड़े मामले।