बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएस शिंदे की बेंच 9.5 घंटे से अधिक समय तक बैठकर 190 से अधिक मामलों की सुनवाई की

Update: 2022-06-10 09:43 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएन जाधव की खंडपीठ ने गुरुवार को रात 8 बजे तक बैठ कर 190 से अधिक मामलों की सुनवाई की, क्योंकि दिन के मामलों की सूची लंबी थी।

पीठ ने अपने समक्ष सूचीबद्ध 206 मामलों में से 190 से अधिक मामलों की सुनवाई की। बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के लिए सामान्य काम का समय सुबह 10.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक है।

पीठ के सीनियर जज जस्टिस शिंदे उन नामों में से एक हैं जिनकी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नति के लिए की है।

राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में 61 वर्षीय जज शिंदे के नाम की सिफारिश की गई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनका दो महीने से भी कम का कार्यकाल बचा है।

जस्टिस शिंदे 17 मार्च, 2008 से और जस्टिस जाधव 23 अगस्त, 2019 से बॉम्बे हाईकोर्ट के जज हैं।

जस्टिस शिंदे ने हाल के दिनों में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामला, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मामले सहित विभिन्न हाई प्रोफाइल मामलों की अध्यक्षता की है।

उस दिन के लिए बोर्ड को पूरा करने के लिए बहुत देर तक बैठे रहने वाले न्यायाधीश या कम से कम अधिक से अधिक मामलों की सुनवाई करना बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए इतना असामान्य नहीं है। कुछ साल पहले जस्टिस एसजे कथावाला उस समय सुर्खियों में आए थे, जब वह हाईकोर्ट की गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले आखिरी मामलों की सूची को पूरा सुनने के लिए सुबह 3.30 बजे तक बैठे रहे थे। उन्होंने उस बैठक के दौरान 122 मामलों को सुना, जो उस समय शाम 5 बजे की नियमित बैठक से बहुत आगे निकल गए। वह हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं।

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