बॉम्बे हाईकोर्ट ने BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को टीआरपी स्कैम केस मेंं ज़मानत दी

Update: 2021-03-02 06:20 GMT

Partho Das Gupta

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई पुलिस द्वारा टारगेट रेटिंग पॉइंट्स (TRP) के कथित हेरफेर के मामले में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को जमानत दे दी।

क्राइम ब्रांच द्वारा उन पर धारा 409 (एक लोक सेवक के भरोसे का आपराधिक उल्लंघन), 420 ( भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा चलाया गया था। दासगुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों के साथ मिलकर टीआरपी रेटिंग्स में हेरफेर किया। सेशन कोर्ट द्वारा पार्थो दासगुप्ता की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

दासगुप्ता को 24 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह तलोजा जेल में बंद है। वह जून 2013 से नवंबर 2019 के बीच BARC के सीईओ थे और उन पर 12,000 अमेरिकी डॉलर और रुपये लेने का आरोप है। इसके साथ ही दासगुप्ता पर रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी से उनके चैनल के लिए टीआरपी में हेरफेर करने के लिए 40 लाख नकद लेने का आरोप है।

पिछले महीने एक सेशन कोर्ट द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था।

जमानत की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरे ने BARC फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पर बहुत भरोसा किया, जिसमें दासगुप्ता, व्हाट्सएप के कई पूर्व अधिकारियों के नाम शामिल हैं। व्हाट्सएप पर उनके और गोस्वामी के बीच कथित चैट है।

जस्टिस नाइक ने गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच कथित पुलवामा बातचीत के बारे में और जानकारी मांगी की पूछा कि क्या चैट के खुलासे के बाद कोई अलग मामला दर्ज किया गया है ? इस पर अभियोजक ने नकारात्मक जवाब दिया।

दासगुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आबड़ा पोंडा ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को और हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने पिछले तीन वर्षों में 10 करोड़ आयकर के रूप में जमा किए हैं और उन्हें टीआरपी में हेरफेर करने की कोई ज़रूरत नहीं थी। उन्होंने व्हाट्सएप चैट को खारिज कर दिया।

पोंडा ने तर्क दिया कि कथित अपराध एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा ट्रायल चलाए जाने योग्य था और BARC के COO रोमिल रामघरिया सहित अन्य सभी आरोपियों को पहले ही जमानत दे दी गई है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, रामघरिया ने वास्तविक टीआरपी में हेरफेर किया है, जबकि उन पर केवल आंखें मूंदने का आरोप है।

पोंडा ने 20 अगस्त, 2019 से व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए अपने तर्क पूरे किए, जहां दासगुप्ता ने कथित तौर पर गोस्वामी से कहा, वह हमेशा एक दोस्त के रूप में उनके लिए खड़े रहेंगे लेकिन अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे।

चैट इस तरह थी,

"आपके बहुत सारे दुश्मन हैं। लेकिन मैं आपका दोस्त रहूंगा- मैं चाहे जो भी रहूं, लेकिन मैं अपने मूल्यों से समझौता नहीं करूंगा। शुभरात्रि।"

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की एक शिकायत पर पिछले साल अक्टूबर में टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स स्कैम में एक एफआईआर दर्ज की थी।

पुलिस ने टीआरपी घोटाले में 15 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें दासगुप्ता, BARC के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी शामिल हैं।

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