बॉम्बे हाईकोर्ट ने COVID-19 की वजह से बाज़ार में गिरावट आने पर फ़्यूचर रीटेल की एफसीआरपीएल के गिरवी रखे शेयर बेचने से आईडीबीआई को रोका

Update: 2020-04-01 03:47 GMT

बिज़नेस पर्सन किशोर बियानी की कंपनी को उस समय भारी राहत मिली जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईडीबीआई को उनकी कंपनी एफसीआरपीएल के उसके पास गिरवी रखे शेयरों को शेयर बाज़ार में आई गिरावट के बाद बेचने से रोक दिया। कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद शेयर बाज़ार में लगातार गिरावट आ रही है।  

न्यायमूर्ति केके ताटेड ने रुरल फायनेंस होलसेल लिमिटेड (आरएफडब्ल्यूएल) और एफसीआरपीएल की वाणिज्यिक मामले की सुनवाई की जिसमें आईबीआईटीएसएल के पास 12 जनवरी 2018 और 10 अप्रैल 2019 गिरवी रखे अपने इन शेयरों की बिक्री के तत्काल ख़तरे को टालने के लिए ज़रूरी आदेश देने को कहा।

 वरिष्ठ वक़ील विक्रम ननकानी और विनीत नाइक ने वादियों की पैरवी की। इन लोगों ने अपनी दलील में कहा कि आईडीबीआई की बक़ाया राशि 610 करोड़ रुपए है।

इस बारे में हुए क़रार के अनुसार एफसीआरपीएल ने अपनी 8% इक्विटी शेयर क़रार के दिन गिरवी रखी थी और उस समय हर शेयर की क़ीमत 350 रूपए थी। अभी महामारी फैलने के कारण शेयर बाज़ार गिर गया है और शेयर की क़ीमत 303 रुपए से भी नीचे आ गई है।

इस वजह से वादियों ने उनके शेयरों को संकट के इस समय में बेचे जाने पर रोक लगाने की माँग की। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि आज तक उन्होंने डिबेंचरों के संदर्भ में एक बार भी उनका भुगतान रुका नहीं है। हक़ीक़त यह है कि वे एस्क्रो खाते में डिबेंचरों की सिक्योरिटी के रूप में पहले ही भारी राशि जमा कर चुके हैं। इसके अलावा वादी ने बचाव पक्ष को आश्वासन दिया कि वे अपनी वित्तीय प्रतिबद्धता को पूरा करेंगे।

आईडीबीआई की पैरवी अनिरुद्ध हरीयणी, वर्गीज़ थोमस, होरमज़ मेहता और योहान लिमथवाला ने की।

बचाव पक्ष ने कहा कि आज की तिथि में, वादी पर उनका 610 करोड़ रुपए बक़ाया है और उनके शेयरों की बाज़ार कीमत इस समय 350 करोड़ रुपए  है इसलिए कोई राहत देने की बात ही नहीं है।

अदालत ने कहा,

"जब डेबेंचर ट्रस्ट क़रार हुआ, उस समय एक शेयर की बाज़ार में क़ीमत 350 थी और COVID-19 की वजह से शेयरों की क़ीमत 100 रुपए से भी नीचे आ गई है। इस समय COVID-19 के कारण बाज़ार की जो स्थिति है, मेरी राय में वादियों को अगली तिथि तक संरक्षण की ज़रूरत है।"

इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 मई 2020 को है।

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