CLAT, एलएलबी परीक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने की संभावना पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया विचार करे : कानून मंत्रालय
BCI Shall Explore Possibility Of LLB Exams, CLAT In Regional Languages
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में सूचित किया कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया ( बीसीआई) देश में कानूनी शिक्षा के लिए नियामक संस्था है और कानूनी शिक्षा के लिए इसके नियमों में यह "स्पष्ट रूप से" परिकल्पना की गई थी कि शिक्षा का माध्यम विश्वविद्यालयों की सुविधा के अनुसार अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी हो सकती हैं।"
यह जवाब एक प्रश्न के जवाब में था जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं में एलएलबी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव के बारे में जानकारी देने की मांग की गई थी। प्रश्न में पूछा गया था कि अंग्रेजी भाषा में प्रवेश परीक्षा आयोजित होने के कारण भाषाई भेदभाव पैदा करके छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के मौलिक अधिकार से वंचित किया जाता है।
उत्तर में यह माना गया कि अंग्रेजी भाषा के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) आयोजित करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में मंत्री ने सदन को सूचित किया कि "कानूनी शिक्षा के लिए नियामक संस्था होने के नाते बार काउंसिल ऑफ इंडिया निश्चित रूप से इस पहलू पर विचार करेगी और इस संबंध में विश्वविद्यालयों को एक एडवाइज़री जारी करेगी।"
इसी तरह अन्य विश्वविद्यालयों के लिए उत्तर में कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर क्षेत्र के स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए कहेगा।
2020 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया था। बीसीआई ने अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में नेशनल लॉ स्कूलों में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट आयोजित करने की व्यवहार्यता पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया था। यह कदम तब आया जब दिल्ली हाईकोर्ट ने वैधानिक निकाय को क्षेत्रीय भाषाओं में क्लैट आयोजित करने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा की गई मांग पर विचार करने का निर्देश दिया।