दिल्ली एलजी विनय सक्सेना के खिलाफ मारपीट का मामला| गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद कोर्ट में लंबित आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई
गुजरात हाईकोर्ट ने दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को 2002 के हमले के एक मामले में उपराज्यपाल पद पर रहने तक मुकदमे पर रोक लगाने की उनकी याचिका में अंतरिम राहत प्रदान की।
अदालत ने अहमदाबाद कोर्ट के समक्ष लंबित आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है।
इससे पहले अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने 9 मई को सक्सेना के आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 361 (2) के तहत दिए गए रोक के मद्देनजर अपने वर्तमान पद पर रहने तक आपराधिक मुकदमे का सामना करने से प्रतिरक्षा की मांग की थी।
मेट्रोपॉलिटन अदालत ने पाया कि बाद में एलजी के पद से हटने के बाद उनके खिलाफ एक अलग मुकदमे का संचालन करने से अभियोजन पक्ष के गवाहों को कठिनाई होगी।
सक्सेना अहमदाबाद में वर्ष 2002 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी सभा और हमले के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के फैसेल के खिलाफ सक्सेना ने हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें सक्सेना की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट जल उनवाला ने जस्टिस एमके ठक्कर की पीठ के समक्ष तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट अदालत भारत के संविधान के अनुच्छेद 361 को ध्यान में रखने में विफल रही, जो राष्ट्रपति, राज्यपाल और राजप्रमुख की आपराधिक कार्यवाही से रक्षा करता है।
#JustIN | Gujarat High Court grants interim relief to Delhi Lieutenant Governor (L-G) Vinai Kumar Saxena in his plea on abeyance of trial in a 2002 assault case until he holds the post of LG. pic.twitter.com/0L8AgLaAFh
— Live Law (@LiveLawIndia) May 23, 2023
उनका आगे कहना था कि अनुच्छेद 361 (3) के अनुसार राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल की गिरफ्तारी या कारावास की प्रक्रिया उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत से नहीं जारी की जा सकती है, जैसा कि एलजी सक्सेना के मामले में हुआ था।
सीनियर एडवोकेट उनवाला ने प्रस्तुत किया कि भले ही अदालत परीक्षण के साथ आगे बढ़ती है, यह संविधान के अनुच्छेद 361 (3) के तहत उन्हें दी गई सुरक्षा के मद्देनजर एलजी सक्सेना को हिरासत में भेजने की स्थिति में नहीं होगी।
इन प्रस्तुतियों के मद्देनजर, जस्टिस ठक्कर ने प्रतिवादी राज्य और शिकायतकर्ता पाटकर को नोटिस जारी करते हुए मामले में आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले को 19 जून को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।